Rajasthan

इंजेक्शन लगाने की भी होती है ट्रिक, अपनाएंगे ये तरीका तो नहीं डरेंगे बच्चे… बाल रोग एक्सपर्ट से जानें

मोहित शर्मा/करौली. अगर एक बार बचपन में लगने वाले इंजेक्शन यानी की सुई का किसी बच्चे में डर बैठ जाए तो वह डर बुढ़ापे तक साथ नहीं छोड़ता है. इस बात से हर कोई अच्छी तरह वाकिफ भी है. बचपन में लगने वाले इसी इंजेक्शन का एक बार किसी के मन में डर बैठ जाए तो उनकों बुढ़ापे तक सुई लगने का डर सताता है. खासकर छोटे बच्चों को जब भी इंजेक्शन लगाया जाता है तो उन्हें सबसे ज्यादा डर लगता है. लेकिन, क्या आपको पता है इंजेक्शन लगाने के भी कई टिप्स होते हैं और उन्हें सही तरह से फॉलो किया जाए तो छोटे बच्चों में भी इंजेक्शन के इसी डर को खत्म किया जा सकता है.

करौली में लगने वाले एक शिविर में इस बात को बताया है अहमदाबाद के एशियन हॉस्पिटल में शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ इमरान पटेल ने. डॉ इमरान पटेल जहां भी ऐसे शिविरों में जाते हैं वहां वह एक सफल पीडियाट्रिशियन बनने के लिए सबको अपनी ये सलाह भी देते हैं. करौली के एक निजी अस्पताल में लगने वाले शिविर में अहमदाबाद के एशियन हॉस्पिटल के डॉ इमरान पटेल ने बताया कि एक सफल पीडियाट्रिशियन बनने के लिए सबसे जरूरी होता है, आपकी बच्चों के साथ केमिस्ट्री कैसी है. उनका मानना है कि बच्चे फूल की तरह कोमल होते हैं और बच्चों के कोमल हृदय को वहीं छू सकता है. जो बच्चों से बच्चों की तरह पेश आए और उनको आसानी से प्रेम की भाषा में ही हंसते-हंसते काबू कर इंजेक्शन लगा सके.

कैसे करें पीडियाट्रिशियन की पहचान

उन्होंने बताया कि बच्चे ज्यादा नाजुक होते हैं इसलिए वे बड़ों के मुकाबले जल्दी बीमार पड़ जाते हैं. इसलिए उन्हें स्पेशल केयर, देखरेख की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है. बच्चे कई बार इतने बीमार हो जाते हैं कि उन्हें इंजेक्शन भी देने पड़ते हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर कहा जाता है कि पीडियाट्रिशियन का काम सिर्फ बच्चों के बीमार होने पर दवा देने तक सीमित है. लेकिन ऐसा नहीं है जो बच्चों को हंसते खेलते हुए ही उनका इलाज और उन्हें इंजेक्शन लगा देते हैं, जिससे कि बच्चों को मालूम भी ना हो की इंजेक्शन लग चुका है या नहीं, वहीं असल में एक सफल पीडियाट्रिशियन होता है.

Tags: Karauli news, Local18, Rajasthan news

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