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पुरुष टीम के साथ क्या हुआ… हमें उससे क्या लेना देना? आरसीबी टीम की महिला कप्तान ने क्यों कहा ऐसा

नई दिल्ली. स्मृति मंधाना की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने मुंबई इंडियंस को हराकर वुमेंस प्रीमियर लीग के फाइनल में एंट्री मारी है जहां रविवार को उसका सामना दिल्ली कैपिटल्स से होगा. फाइनल में पहुंचने के बाद अब महिला आरसीबी टीम की तुलना पुरुष आरसीबी टीम से हो रही है जो 3 बार खिताब के नजदीक पहुंचकर चूक गई. मंधाना का कहना है कि वह मेंस टीम के बारे मे सोचकर अपनी टीम पर ज्यादा दबाव नहीं डालना चाहती हैं. उनका कहना है कि वह मेंस टीम के साथ किसी प्रकार का कोई तुलना नहीं करना चाहती.

रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) की पुरुष टीम पिछले 17 साल में एक भी आईपीएल खिताब नहीं जीत पाई है जबकि तीन बार उपविजेता (2009, 2011, 2016) रही है. लेकिन डब्ल्यूपीएल के दूसरे ही सत्र में मंधाना की अगुआई वाली आरसीबी महिला टीम को खिताब जीतने का शानदार मौका मिल गया है. मंधाना ने कहा, ‘पहले तो मुझे लगता है कि यह साल हमारे लिए पूरी फ्रेंचाइजी से जुड़ने के लिए काफी अहम था. पुरुष टीम के साथ जो हुआ, कभी कभार इससे दबाव होता है. इसलिए हम सिर्फ यही सोच रहे हैं कि हम अभी दूसरे ही सत्र में हैं इसलिए ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए. पुरुष टीम के साथ क्या हुआ, हमें उससे कुछ लेना देना नहीं है.’

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‘वर्तमान में रहना अहम’
आरसीबी के लिए डब्ल्यूपीएल का पहला सत्र इतना अच्छा नहीं रहा था जिसमें टीम लीग तालिका में चौथे स्थान पर रही थी. लेकिन मंधाना का मानना है कि वर्तमान में रहना अहम है. बकौल स्मृति मंधाना, ‘क्रिकेट ने जो सिखाया है, उसके अनुसार वर्तमान में रहना अहम है. यह मैच के दिन अच्छा क्रिकेट खेलने के बारे में हैं और कल के मुकाबले में जो भी टीम अच्छा करेगी खिताब जीतेगी.’

Tags: Delhi Capitals, Rcb, Smriti mandhana, Women’s Premier League

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