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अगस्त में कम बारिश, मानसून निगेटिव जोन में, जानें अलनीनो का मौसम पर कितना प्रभाव

नई दिल्ली. अगस्त में लगातार सूखे के साथ शुक्रवार को मानसून 1% की कुल कमी के साथ निगेटिव जोन में चला गया है. जुलाई में 5 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी. देश के कई हिस्सों में इसके जिसके जारी रहने की संभावना है. इस बीच, अल नीनो ‘कमजोर’ होने से ‘मध्यम’ स्थिति में मजबूत हो गया है और गुरुवार देर रात अमेरिकी मौसम एजेंसियों ने कहा है कि इस साल के अंत में इसके ‘मजबूत’ रूप में विकसित होने की 66% संभावना है. प्रशांत क्षेत्र में वायुमंडलीय स्थितियां अब अल नीनो स्थिति को प्रतिबिंबित कर रही हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशांत क्षेत्र में वायुमंडलीय स्थितियां अब अल नीनो स्थिति को प्रतिबिंबित कर रही हैं, जिसका अर्थ है कि इसका प्रभाव अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी महसूस किया जा सकता है, जबकि 1 जून से पूरे भारत में वर्षा ±4% की सामान्य सीमा के भीतर बनी हुई है. अगस्त में अब तक मानसून लंबी अवधि के औसत से 29% कम रहा है और दक्षिण भारत विशेष रूप से शुष्क रहा है. विशेषज्ञों ने कहा कि मानसून में रुकावट, जो 5-6 अगस्त के आसपास शुरू हुई थी, 16 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है. हालांकि उसके बाद कुछ कम दबाव वाली प्रणालियों के कारण पूर्व और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में बारिश होने की संभावना है.

अगस्त में कमजोर रहेगा मानसून
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, 24 अगस्त तक देश के बाकी हिस्सों में तापमान काफी हद तक कम रहेगा. मानसून वर्षा के लिहाज से अगस्त में वर्षा की कमी तय है. हालांकि सक्रिय दौर के बाद देश में मौजूदा मानसून में रुकावटें असामान्य नहीं हैं, लेकिन जो कुछ चिंता का विषय हो सकता है वह है अब पूर्ण रूप से विकसित अल नीनो की पृष्ठभूमि में कमजोर दौर की अनुमानित लंबी अवधि से शेष मानसून सत्र के दौरान बारिश पर असर पड़ने की संभावना है.

इन राज्यों में बारिश, 20 के बाद सूखा
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वी भारत में बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और ओडिशा, छत्तीसगढ़, एमपी और कुछ आसपास के इलाकों में बारिश होने की संभावना है. हालांकि, 20 अगस्त के बाद तक देश भर में व्यापक बारिश की संभावना नहीं है. अमेरिकी एजेंसियों की नवीनतम रिपोर्ट के आधार पर मौसम विज्ञानी और केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम राजीवन ने कहा 20 अगस्त के बाद तक देश भर में व्यापक वर्षा की संभावना नहीं है.

राजीवन ने कहा कि अल नीनो अब एक “युग्मित” प्रणाली है, जिसका अर्थ है कि प्रशांत क्षेत्र का वातावरण, जो अब तक समुद्र में वार्मिंग का पूरी तरह से जवाब नहीं दे पाया है और अलनीनो के अनुरूप हो गया है. दक्षिणी दोलन सूचकांक भी नकारात्मक हो गया है, जो अल नीनो स्थिति को दर्शाता है. इन परिवर्तनों से पता चलता है कि अल नीनो अब दुनिया के अन्य क्षेत्रों में मौसम प्रणालियों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है.

अब सितंबर में मानसून पर नजर
राजीवन ने कहा, ‘कुल मिलाकर, मानसून वर्षा के लिए चीजें अच्छी नहीं दिख रही हैं. अगस्त में कमी का अनुमान है. यह संभव है कि यदि सकारात्मक हिंद महासागर डायपोल (आईओडी) विकसित होता है, तो सितंबर में कमी कम से कम आंशिक रूप से पूरी हो जाएगी, लेकिन सरकार को नुकसान को रोकने के लिए प्लान बी लागू करना शुरू करना चाहिए.

Tags: New Delhi news, Weather Alert, Weather news

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