Gulab Kothari article sharir hi brahmand 19 Aug 2023 pran: vehicle of the mind | प्राण : मन का वाहन

जयपुरPublished: Aug 19, 2023 12:40:40 pm
Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: ‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में पढ़ें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख –
प्राण : मन का वाहन
Gulab Kothari Article शरीर ही ब्रह्माण्ड : जैसे-जैसे योग का प्रचार हो रहा है, प्राण की चर्चा भी उसी गति से फैल रही है। प्राणायाम, योग के माध्यम से व्यायाम का अंग बनकर रह गया। प्राणायाम के बड़े-बड़े विशेषज्ञ तैयार हो गए। योगा-प्राणायाम एक बड़ा व्यवसाय बन गया। क्योंकि स्थूल दृष्टि से तो श्वास का बाहर निकालना ‘प्राण’ कहलाता है जो शरीर के पांच स्थूल प्राणों (प्राण-अपान-व्यान-समान-उदान) में से एक है। जबकि प्राण तो मूलत: अक्षर संस्था का-प्राण शरीर का प्राणमय कोश का आधार है। यही प्राण हृदय-ब्रह्मा-विष्णु-इन्द्र रूप प्राण समूह है। कोई वस्तु जड़ हो या चेतन, हृदय (केन्द्र-नाभि) के बिना उत्पन्न नहीं हो सकती है।