आज देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में: गहलोत

जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने आज महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर सहकार मार्ग पर उनकी प्रतिमा के समक्ष पुष्पाजंलि अर्पित की। इस मौके पर गहलोत ने कहा कि आज पूरा देश उन्हें याद कर रहा है। 100 वर्ष पहले उस जमाने में जब सामाजिक रीति-रिवाज ऐसे थे, कोई कल्पना नहीं कर सकता है। स्त्रियों को पढ़ाना तो पाप समझते थे, उस वक्त उन्होंने अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को शिक्षा दी, फिर वो खुद टीचर बनीं और सामाजिक सुधार के अंदर जिस रूप में क्रांतिकारी काम उन्होंने किए। गहलोत ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र के अंदर घर-घर में, गांव में, कस्बों में, जिलों में सब जगह उनको याद किया जाता है। ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों के आदर्शों को अपनाने की और लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना भी यही है। गहलोत ने कहा कि अगर महाराष्ट्र जाएंगे तो सब जिलों के अंदर, सब कस्बो के अंदर, कोई ना कोई शिक्षण संस्थान में ये मूर्ति लगी हुई मिलेगी। यहीं नहीं महाराष्ट्र के मंत्रालय के अंदर भी आदमकद मूर्ति लगी हुई है। डॉ. अंबेडकर ने तो उनको अपना गुरू माना था। गहलोत ने कहा कि इसलिए मूल भावना यह है कि हम सब कैसे आज के माहौल में ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों के आदर्शों को अपनाए और लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना भी यही है। आज हमें लोकतंत्र की रक्षा करनी है, संविधान की रक्षा करनी है। तो हमें संविधान की मूल भावना को जिसमें सारा सार आ जाता है, ज्योतिबा फुले का भी आ जाता है। गहलोत ने कहा कि आज उनकी पुण्यतिथि है और पुण्यतिथि के अवसर पर यहां पर हम सब लोग सब इकट्ठा हुए है।