आम आदमी के लिए मुसीबत बनी बारिश, एक बार फिर हो सकती है दाल महंगी, जानें वजह
राहुल मनोहर/सीकर. इस बार पिछले वर्ष की मुकाबले कम बारिश होने से बाजारा सहित अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इसलिए किसान चिंता में है. उनकी चिंता का मुख्य कारण बाजार है. इस बार अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से बाजार के सीट्टे में दाने नहीं निकले हैं. अब बाजरे की पैदावार नहीं होने से किसानों के नुकसान के साथ-साथ पशुओ को भी चारा नहीं मिलेगा.
जिले के दांतारामगढ़ क्षेत्र के किसान जीवण राम जाट का कहना है कि उन्होंने इस बार 20 बीघा खेत में बाजरे की फसल बोई थी. फसल अच्छी होने की उम्मीद थी. शुरुआती दौर में बारिश से लगा था कि इस बार पैदावार अच्छी होगी. लेकिन, मानसून की निष्क्रियता व कमजोर मानसून के कारण इस बार पिछले कई वर्षों के मुकाबले कम बारिश हुई है. जिससे खेत में खड़ी बाजरे की फसल 80 प्रतिशत फसल सूख चुकी है. इसके साथ अन्य फसल को भी नुकसान है.
इस बार पैदावार होगी प्रभावित
इस बार राज्य में कमजोर मानसून होने के कारण कम बारिश हुई है. जिले के हालात तो यह है कि कई सप्ताह से यहां तेज बारिश नहीं हुई है. इससे इस बार किसानों की पैदावार खासा प्रभावित होगी. जिन किसानों ने इस बार अच्छी फसल का अनुमान लगाया था उन्हें भारी नुकसान होगी. वही मूंग, मोठ और बाजार सहित अनेक फसल पककर तैयार होने का समय है. इस समय उन्हें पानी की अधिक आवश्यकता है. लेकिन उन्हें पानी नहीं मिलने के कारण अब वह धीरे-धीरे सुख रहे हैं. जिससे फसल को भारी नुकसान हो रहा है.
पशुओं के लिए होगी चारे की कमी
किसान जीवण राम ने बताया कि इस बार बाजरे की फसल अच्छी नहीं होने की वजह से पशुओं के लिए चारे की भयंकर कमी रहेगी. पशुओं के लिए चारा दूसरी जगह से लाना पड़ेगा. किसान ने बताया कि उनके पास चार भैंस व दस बकरियां है. इस बार फसल अच्छी नहीं होने की वजह से वे अब पशुपालन पर निर्भर हैं. लेकिन चारे के भाव अधिक होने की वजह से पशुपालन भी महंगा सौदा बन गया है. पशुओं के चारे की ऐसी त्रासदी पहले कभी नहीं आई है. इससे पहले फसल को नुकसान के बाद भी पशुओं के लिए चारा बच जाता था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : August 26, 2023, 18:19 IST