इथेनॉल उत्पादन में टक्कर देने की तैयारी | encouraging ethanol production

— प्रदेश में अब रिप्स के तहत इथेनॉल उत्पादकों को इंसेंटिव
— राजस्थान इथेनाॅल प्रोडक्शन प्रमोशन पाॅलिसी-2021 को केबिनेट की मंजूरी
जयपुर
Published: December 16, 2021 12:12:12 am
जयपुर। इथेनॉल उत्पादन में दूसरे राज्यों को टक्कर देने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके तहत इथेनॉल उत्पादन इकाई लगाने वालों को रिप्स के तहत विभिन्न तरह की छूट व इंसेटिव दिए जाएंगे। यह लाभ उत्पादन आधारित इंसेटिव(पीएलआइ) से जोड़ा जाएगा, ताकि किसी गड़बडी की संभावना को रोका जा सके।
अब तक बिहार, असम व उत्तरप्रदेश सहित कुछ राज्य इथेनाॅल प्रोडक्शन प्रमोशन पाॅलिसी लागू कर चुके हैं। अब इन राज्यों में राजस्थान का नाम भी जुड़ गया है। अब तक प्रदेश में एक भी इथेनॉल उत्पादन इकाई नहीं है, हालांकि पेट्रोलियम कंपनियां पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाकर बेच रही हैं। राजस्थान इथेनाॅल प्रोडक्शन प्रमोशन पाॅलिसी-2021 को बुधवार को केबिनेट की मंजूरी मिल गई। इससे प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन इकाईयों को बढ़ावा मिलेगा। सूत्रों के अनुसार प्रदेश की नीति में खास प्रावधान यह किया गया है कि इसके तहत रिप्स के प्रावधानों के तहत छूट का लाभ लेने के लिए 75 प्रतिशत इथेनॉल पेट्रोलियम कंपनियों को देना होगा। शेष इथेनॉल ही खुले बाजार में दिया जा सकेगा।
20 प्रतिशत इथेनॉल मिलावट की छूट
केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों में 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाने की छूट दे रखी है, लेकिन मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं होने से ऐसा हो नहीं पा रहा है। वर्तमान में पेट्रोल पंप पर 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल मिल रहा है, जो तीन साल से उपभोक्ता तक पहुंच रहा है।
इसका उद्देश्य
वर्तमान में देश पेट्रोल—डीजल के मामले में विदेश पर निर्भर है। इस निर्भरता को कम करने के लिए केन्द्र सरकार ने पेट्रोल इथेनॉल के मिश्रण का रास्ता निकाला है।

पेट्रोल में इथेनॉल
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