Rajasthan

इलेक्‍शन हैं तो वोट डालना ही होगा, नहीं तो… क्‍या चुनाव आयोग के पास है ऐसा कोई प्रस्‍ताव? जानें क्‍या बोले CEC

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साफ कर द‍िया है क‍ि लोगों के ल‍िए के ल‍िए वोटिंग को अनिवार्य बनाने के लिए शीर्ष चुनाव पैनल के पास कोई प्रस्ताव नहीं है. सीईसी और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए राजस्‍थान में हैं. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने कहा क‍ि भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) मतदान और मतदान में आसानी पर ध्यान देने के साथ राजस्थान में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

जयपुर में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान कहा क‍ि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को अखबार के विज्ञापनों के माध्यम से अपने आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा करना होगा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को ऐसे उम्मीदवारों को चुनने का कारण भी बताना चाहिए. सीईसी ने कहा कि राजस्थान में पहली बार बुजुर्ग मतदाताओं और 40 प्रतिशत या अधिक विकलांगता वाले लोगों के लिए ‘घर से वोट’ की सुविधा उपलब्ध होगी.

मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने अनिवार्य मतदान पर भी स्थिति साफ करते हुए कहा कि चुनाव आयोग के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने और मतदान में आसानी बढ़ाने के लिए पहल की जा रही है. राजस्थान के मतदाताओं के बारे में बोलते हुए सीईसी ने कहा क‍ि राजस्थान में 5.25 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 2.73 करोड़ पुरुष, 2.51 करोड़ महिलाएं और 604 ट्रांसजेंडर शामिल हैं. इनमें से 18,462 100 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. 11.8 लाख 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और 21.9 लाख पहली बार मतदान करेंगे.

उन्‍होंने कहा क‍ि 1600 मतदान केंद्रों का प्रबंधन महिलाओं द्वारा 200 केंद्रों का प्रबंधन विकलांग व्यक्तियों द्वारा और 1600 केंद्रों का प्रबंधन नव-भर्ती किए गए युवाओं द्वारा किया जाएगा. 51,756 मतदान केंद्रों में से 50 प्रतिशत पर मतदान प्रक्रिया वेबकास्ट की जाएगी. सीईसी कुमार ने यह भी कहा कि इस चुनाव में राज्य के प्रत्येक मतदान केंद्र पर 75 प्रतिशत मतदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. पिछले विधानसभा चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 74.71 फीसदी दर्ज किया गया था.

उन्होंने कहा कि ईसीआई के सदस्यों ने राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान मुख्य सचिव, जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों, पुलिस महानिदेशक और अन्य सहित राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ कई बैठकें कीं. राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें हो चुकी हैं. बैठक के दौरान राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कुमार ने कहा कि उन्होंने पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया, झूठे हलफनामों पर कार्रवाई, सोशल मीडिया पर जातियों से संबंधित असत्यापित और अनधिकृत डेटा, मुफ्त वस्तुओं, नकदी के वितरण पर प्रभावी जांच पर जोर दिया. मतदाताओं को शराब और महत्वपूर्ण बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी.

उन्होंने चुनाव आयोग से यह भी आग्रह किया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारों को पिछली तारीख के आदेश जारी करने से रोका जाए.

Tags: Assembly Elections 2023, Rajasthan Assembly Election

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj