Rajasthan

इस तकनीक से 10 साल तक नहीं खराब होगी आपकी फसल! बारिश और आंधी का भी नहीं होगा असर

रवि पायक/ भीलवाड़ा. टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में इस बार बारिश के कारण किसानों द्वारा बुवाई की गई फसल खराब होने की कगार पर आ गई हालांकि जिले में कुछ किसान ऐसी भी थे जिन्होंने इस टेक्नोलॉजिकल युग में पुराने जुगाड़ से अपनी फसल को बचा लिया. जिले के कुछ किसानों ने इस भंडारण पद्धति से अपनी फसल को अनूठे तरीके से सहेज कर रखा हैं.

किसानों के अनुसार यह तकनीक पहले के जमाने में काफी चलती थी जिसे अपने पूर्वजों से सीख कर आज भी हम फसल सुरक्षित रख रहे हैं इस तरह से फसल करीब 8 से 10 साल तक खराब नहीं होती. इस तकनीक के जरिए चाहे बारिश हो या फिर तेज हवाओं की आंधी या तेज धूप इससे फसलों का तापमान अनुकूल रहता है और फसलें खराब नहीं होती हैं.

बारिश में भी नहीं खराब होगी फसल
भीलवाड़ा जिले के आसींद के रहने वाले किसान भेरूलाल ने बताया कि करीब 20 से 25 सालों में स्थितियां बदल गई फिर भी मौसम और फसल को सहेज कर रखने के लिए पर्याप्त जगह न होने के कारण किसानों को चारा और फसल कम भाव में ही जल्दी बाजारों में बेचना पड़ता है लेकिन कुछ ऐसे किसान होते हैं जिन्हें फसल भंडारण करने की जगह पर्याप्त रहती है वह इस देसी तरीके से बारिश से फसल खराबे के नुकसान से बच जाते हैं. हमने हमारी मक्का और बाजरा की फसल को इस तकनीक से सहेज कर रखा हुआ है जब जरूरत होती है तो हम इसमें से फसल निकाल लेते हैं.

टेक्निकल युग में आज भी कारगर है यह तकनीक
किसान भेरू लाल ने बताया कि फसल को मौसम की मार से इस तकनीक से बचाजा सकता है. इसमें सबसे पहले खेत में जमीन को समतल किया जाता है फिर फसल के पुट्ठो को इस तरीके से चुना जाता है कि वह बारिश से खराब ना हो.

कई किसानों ने अपनाई ये तकनीक
इसके बाद में इसे एक झोपड़ी का आकार दिया जाता है जैसे झोपड़ी को घास फूस से ढककर सजाया जाता है ताकि बारिश में पानी नीचे ना गिरे इस तरह पूठो को भी अच्छे से ढका जाता है.इस तकनीक को पूरा होने में करीब एक सप्ताह का समय लग जाता हैं और इस पर वजन भी रखा जाता है यह तकनीक आज भी कहीं गांव में किसानों द्वारा अपनाई जा रही है और जो इस तकनीक के बारे में नहीं जानते उन किसानों को फसल खराबी का नुकसान हो रहा है यदि किसान इस तकनीक को समझ ले तो फसल खराबी से बच्चा जा सकता है.

Tags: Bhilwara news, Rajasthan news

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