Rajasthan

इस युवा IPS ने अपनी पहली सैलरी कर दी दान, अब हर कोई कर रहा तारीफ, जानें क्या है वजह

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. कहते हैं कि कुछ नेक करने की नीयत हो तो उसके लिए शुरुआत कहीं से भी की जा सकती है, ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकि बाड़मेर के नवचयनित आईपीएस ने अपनी पहली सैलेरी नेक काम में दान देकर हर किसी का दिल जीत लिया है. आज इस युवा आईपीएस के चर्चे हर तरफ हो रहे हैं.

हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिग कर रहे बाड़मेर के आशीष पूनिया ने अगस्त महीने में आई पहली सैलरी को बाड़मेर की संस्था 50 विलेजर्स को दान देते हुए लिखा कि ” भरत जी सर (50 विलेजर्स के संचालक) मैंने अगस्त में ही भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) को जॉइन किया है, हम सब लोगों पहली तनख्वाह को पुण्य के काम मे लगाते है.

मैं इससे बेहतर कोई अवसर नही मानता. कृपया इसे स्वीकार करे और हमारा आत्मविश्वास बना रहे.” पूनिया ने जिस सहजता भरे शब्दों के साथ अपनी पहली सैलेरी अभावों से जूझते हुए देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक नीट को क्रैक करने वाले होनहारों के नाम किया है वह वाकई काबिल ए तारीफ है.

डाक्टर बनाने वाली संस्था को दान की सैलरी

युवा आईपीएस की इस पहल पर 50 विलेजर्स के डॉक्टर भरत बताते है कि ऐसे कम विरले अधिकारी होते है जो अपनी पहली सैलेरी जरुरतमंद को दान करते है. अमूमन देखा जाता है कि अधिकारी अपनी पहली सैलेरी मंदिर या फिर अपने माता-पिता को देते है लेकिन आईपीएस ने निःशुल्क डॉक्टर बनाने वाली संस्थान फिफ्टी विलेजर्स को दान की है जोकि वाकई काबिले-ए तारीफ है. आशीष पुनिया ने अपनी पहली सैलेरी 51 हजार 251 रुपये बालिका शिक्षा के क्षेत्र में दान कर अनूठा उदाहरण पेश किया है.

मई में आया था परिणाम

आपको बता दे कि बाड़मेर के गुडामालानी उपखण्ड क्षेत्र के पायला कला निवासी आशीष पुनिया ने यूपीएससी में 557वीं रैंक हासिल की थी. मई में आए परिणामों के बाद उन्हें आईपीएस कैडर मिला है. आशीष के पिता जोगाराम पुनिया राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय पाबूजी की ओरण, पायला कला में शिक्षक हैं.

तीसरे प्रयास में बने आईपीएस

आशीष ने 3 साल से दिल्ली में कोचिंग ले इस सफ़लता को अपने नाम किया था. इससे पूर्व यूपीएससी में इंटव्यू कॉल तक आशीष प्रयास कर चुके थे, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. दो बार की असफलताओ के बावजूद भी आशीष ने हार नहीं मानी थी और तीसरे प्रयास में आशीष का आईपीएस में चयन हुआ है.

पूनिया की माता रूखमणी देवी ग्रहणी है और पिता जोगाराम शिक्षक है. आशीष ने बारहवीं तक की शिक्षा कुचामन सिटी से की और फिर दिल्ली में रहकर आईएएस बनने के लिए दृष्टि से कोचिंग कर रहा था. आशीष के दसवीं में 90 और बारहवीं में 91 फीसदी अंक थे. इन दिनों आशीष की पहली सैलेरी सुर्खियों में है.

Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news

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