ईयर एंडरः 2021 में बिना पद के रहे सचिन पायलट, अब नए साल से उम्मीद | Congress leader Sachin Pilot remained without post in year 2021

साल 2021 में न सत्ता में आए और न ही संगठन में,अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल और संगठन में कराया एडजस्ट, नए साल में मिल सकती है उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में प्रचार की प्रमुख जिम्मेदारी
जयपुर
Published: December 26, 2021 11:54:17 am
फिरोज सैफी/जयपुर।
पार्टी के युवा चेहरे और कद्दावर नेताओं में शामिल पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के लिए साल 2021 कोई खास खुशियां लेकर नहीं आया। हालांकि सचिन पायलट ने अपने समर्थकों को सत्ता और संगठन में महत्व दिलवाया, लेकिन साल भर स्वयं बिना पद के ही रहे ।

sachin pilot
मंत्रिमंडल गठन के बावजूद सचिन पायलट न तो सरकार में शामिल हुए और न ही संगठन में, जबकि लगातार उनके प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने और या फिर पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने की अटकलें खूब थी। लेकिन पायलट सत्ता और संगठन में एडजस्ट नहीं हो पाए जिसे लेकर कांग्रेस में भी चर्चाएं तेज हैं।
नए साल से उम्मीद
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को नए साल में संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है या फिर उन्हें उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड चुनाव में प्रचार की प्रमुख जिम्मेदारी दे सकती है। उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर सचिन पायलट की कई बार पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से भी कई दौर की बातचीत हो चुकी है।
बनाया जा सकता है राज्य का प्रभारी
बताया जा रहा है कि सचिन पायलट को नए साल में किसी बड़े राज्य का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। पूर्व में भी उन्हें गुजरात का प्रभारी बनाए जाने की चर्चाएं थीं लेकिन उस वक्त पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को गुजरात का प्रभार दिया गया था।
इसलिए भी नहीं हुए सत्ता- संगठन में शामिल
सचिन पायलट समर्थकों की माने तो सचिन पायलट का सत्ता और संगठन में शामिल नहीं होने के पीछे एक वजह यह भी है कि सचिन पायलट चाहते थे कि पहले उनके समर्थकों को सत्ता और संगठन में एडजस्ट किया जाए और उसी के बाद ही वह कोई पद लेंगे। हालांकि पायलट समर्थकों में चर्चा इस बात की भी है कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी आलाकमान की ओर से उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।
गौरतलब है कि जुलाई 2020 में पार्टी से बगावत करने पर सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। साथ ही उनके समर्थक कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और विश्ववेंद्र सिंह को भी मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।
हालांकि बाद में समझौता होने के बाद पायलट और उनके समर्थक विधायक पार्टी में लौट आए थे, जिसके बाद हाल ही में 21 अक्टूबर को हुए मंत्रिमंडल पुनर्गठन में पायलट समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करके उन्हें संतुष्ट किया गया था।
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