ईरान की पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक से जिन आतंकियों का हुआ खात्मा, उनका क्या है कुलभूषण जाधव से कनेक्शन

नई दिल्ली. ईरान द्वारा मंगलवार को पाकिस्तान की सीमा के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक कर बलूची आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के ठिकानों पर बमबारी की. इस घटना के बाद से ही आतंक का पनाहगार पाकिस्तान पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है. इस बड़े घटनाक्रम के बाद से ही हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह बलूची आतंकी संगठन जैश-अल-अदल है क्या और ईरान से इसका क्या लेना-देना है? इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह वही संगठन है जो भारतीय बिजनेसमैन कुलभूषण जाधव का अपहरण कर उसे ईरान से पाकिस्तान की सरहद के अंदर लेकर आया था.
कुलभूषण जाधव का अपहरण साल 2016 में हुआ था, जिसके बाद पाकिस्तान की आर्मी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट जाधव को मौत की सजा सुना चुकी है. हालांकि यह मामला बाद में अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी पहुंचा. रिपोर्ट में बताया गया कि जैश अल-अदल द्वारा व्यवसायी कुलभूषण जाधव के अपहरण ने आतंकवादी समूह को भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर ला दिया. इंटेल एजेंसियों ने कहा कि जाधव को कथित तौर पर जैश अल-अदल द्वारा पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) को बेचा गया था.
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गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी
ईरान द्वारा पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सुन्नी आतंकवादी समूह के ठिकानों को निशाना बनाकर अभूतपूर्व मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू करने के बाद जैश अल-अदल या जैश अल-अदल फिर से खबरों में है. पाकिस्तान ने दावा किया कि हमले में दो बच्चों की मौत हो गई, इसे उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करार देते हुए ईरान को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई. यह हमला मध्य पूर्व में गहराते संकट के बीच हुआ है, जहां इजराइल गाजा में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के साथ युद्ध में घिरा हुआ है.
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क्या है जैश उल-अदल का मतलब?
जैश अल-अदल का अर्थ है ‘न्याय की सेना’. पाकिस्तान के सिस्तान-बलूचिस्तान क्षेत्र में काम करता है. यह क्षेत्र ईरान और पाकिस्तान के बीच लगभग 900 किमी लंबी साझा सीमा के पास पड़ता है और दोनों सरकारों के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है. जैश अल-अदल केवल ईरान ही नहीं बल्कि अमेरिका भी एक आतंकी संगठन मानता है. यह समूह पाक-ईरान अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर काम करता है. पहले भी यह ग्रुप ईरानी की सेना पर कई बार हमले कर चुका है. बताया जाता है कि इस सुन्नी आतंकवादी समूह के पास लगभग 500-600 लड़ाके हैं.

ईरान के पुलिस स्टेशन में मारे 11 जवान
सीएनएन ने तस्नीम समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि पिछले महीने दावा किया गया था कि जैश अल-अदल के आतंकवादियों ने सिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया था, जिसमें 11 ईरानी अधिकारी मारे गए थे. जैश अल-अदल का जन्म सुन्नी आतंकवादी समूह जुंदल्लाह से हुआ था, जिसका अनुवाद ‘अल्लाह के सैनिक’ होता है. 2000-2010 तक एक दशक तक, जुंदाल्लाह ईरान के खिलाफ हिंसक विद्रोह में शामिल था. हालांकि समूह को उस समय भारी झटका लगा जब ईरान ने जुंदाल्लाह के नेता, अब्दोलमलेक रिगी को पकड़ लिया और 2010 में उसे मार डाला.
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FIRST PUBLISHED : January 17, 2024, 17:15 IST