एकादशी-द्वादशी दो-दो दिन, प्रभु जीमेंगे शारदीय व्यंजन
जयपुर। इस बार एकादशी व व्यंजन द्वादशी दो दिन मनाई जाएगी। मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तीन और चार दिसंबर को मोक्षदा एकादशी और मौनी एकादशी के रूप में मनाई जाएगी। तिथि के फेर के चलते श्रद्धालु दो दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर व्रत रखेंगे। वहीं व्यंजन द्वादशी भी चार और पांच दिसंबर को मनाई जाएगी। मंदिरों में ठाकुर जी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।
एकादशी पर मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई जाएंगी। तीन दिसंबर को स्मार्त और चार को वैष्णव जन एकादशी मनाएंगे। एकादशी तीन दिसंबर को सुबह 5:40 से 4 दिसंबर की सुबह 5: 35 बजे तक रहेगी। एकादशी तिथि का मान तीन को रहेगा। गोविंद देव जी मंदिर में चार दिसंबर को एकादशी मनाई जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि एकादशी पर रवि योग और रेवती नक्षत्र सहित अन्य विशेष संयोग होने से इसका महत्व बढ़ गया है। पुराणों के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गीता जयंती पर होंगे पाठ
इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाएगी। मंदिरों में गीता के सामूहिक पाठ होंगे। गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन गोस्वामी के सान्निध्य में गीता का सामूहिक पाठ होगा। गलता गेट स्थित गीता गायत्री मंदिर में पं. राजकुमार चतुर्वेदी के सान्न्ध्यि में गीता जी का पंचामृत से अभिषेक कर नवीन लाल पोशाक धारण करवाई जाएगी। बच्चों को वैदिक संस्कृति से जोडऩे के लिए गीता वितरित की जाएगी। जगतपुरा स्थित कृष्ण-बलराम मंदिर में गीता प्रतियोगिता होगी। मंदिर के जगमोहन में भगवान को गीता अर्पित की जाएगी। सरस निकुंज स्थित दरीबा पान में गीता के 700 से अधिक श्लोकों का अर्थ बताया जाएगा।