एक्शन में राज्य सरकार, SMS हॉस्पिटल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी को किया निलंबित
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Jaipur News : अंगदान के बदले दानदाता और अंग प्राप्तकर्ता (मरीज) के बीच लेन-देन रोकने के लिए बनी कमेटी की कार्यप्रणाली को एसएमएस और कुछ निजी अस्पतालों के बाबुओं ने ध्वस्त कर दिया। यह कमेटी अंगदानदाता का साक्षात्कार लेती है। जिसमें नोडल अधिकारी डॉक्टर, समाजसेवी और वकील सहित अन्य प्रमुख अधिकारी होते हैं। सवाईमानसिंह मेडिकल कॉलेज की कमेटी एसएमएस के अलावा अन्य कई निजी अस्पतालों में प्रत्यारोपण के लिए भी एनओसी जारी करती है।
चौंकाने वाली बात यह है कि एसएमएस में करीब एक साल से अंग प्रत्यारोपण शाखा की बैठक नहीं हुई है। डेढ़ माह में तीन नोडल प्रभारी बदले जा चुके हैं। 9 फरवरी तक डॉ. राजेंद्र बागड़ी इसके नोडल अधिकारी थे। इसके बाद डॉ. एस.एस राणावत को यह जिम्मा मिला। 28 मार्च को इसकी जिम्मेदारी डॉ. गिरधर गोपाल को सौंपी गई है।
गौरव सिंह निलंबित, इएचसीसी का लाइसेंस निरस्त
राज्य सरकार ने सवाईमानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह को निलंबित कर दिया। चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि विभाग ने स्वतः एसीबी को इसकी जांच के लिए आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट का लाइसेंस तुरंत प्रभाव से स्थगित करने की कार्रवाई की जा रही है। प्रकरण की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जा रही है। उधर, इएचसीसी अस्पताल ने आरोपी अनिल जोशी को निलंबित कर आंतरिक जांच शुरू की है।
लाइव डोनेशन में होती है लेन-देन की आशंका
– अंगदान कैडेवर और लाइव दो तरह के होते हैं
– कैडेवर प्रत्यारोपण ब्रेन डेड के अंगों से किया जाता है
– लाइव डोनेशन मरीज का नजदीकी रिश्तेदार ही कर सकता है, इनमें भाई-बहिन, माता-पिता या अन्य नजदीकी रिश्तेदार शामिल होते हैं। अन्य मामलों में लेन-देन की आशंका के कारण कमेटी उसे अंगदान के लिए स्वीकार नहीं करती।
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