Explainer: क्यों ज्यादातर देशों में बेसमेंट के रिहायशी या आफिस यूज पर रोक, भारत में खुद नियम कड़े हैं

हाइलाइट्स
जापान में जलभराव और बाढ़ या भूकंप आपदा के संभावित इलाकों में बेसमेंट नहीं बनाए जा सकतेभारत में भी इसके नियम कड़े हैं. बेसमेंट का यूज आवासीय तौर पर बिल्कुल नहीं कर सकतेकोरिया में बड़े पैमाने पर बने बेसमेंट अपार्टमेंट पर रोक लग चुकी है, जो हैं वो धीरे धीरे बंद किए जा रहे हैं
दिल्ली में इस मानसून सीजन में जिस तरह बारिश से मालवीय नगर इलाके के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में पानी भरा. उससे तीन यूपीएससी स्टूडेंट्स की मृत्यु हो गई. इसके बाद बेसमेंट्स को लेकर तमाम सवाल उठने लगे. वैसे जहां तक बेसमेंट की बात है तो कई देशों ने इसको लेकर कड़े कानून बनाए हुए हैं. खुद भारत का कानून कहता है कि बेसमेंट रहने की जगह नहीं है. जापान, साउथ कोरिया और कई देशों में बेसमेंट में रहने को लेकर भी कड़े कानून हैं. साउथ कोरिया की राजधानी में एकजमाने में लोग पैरासाइट ओटीटी सीरीज जैसे छोटे -छोटे कमरों में बेसमेंट में रहते थे लेकिन वो अब बैन हो चुका है.
सवाल – भारत में शहरी इलाकों में बेसमेंट इस्तेमाल के क्या नियम हैं?– भारत के शहरी इलाकों में रिहायशी तौर पर बेसमेंट का इस्तेमाल पूरी तरह गैरकानूनी है. सुरक्षा कारणों, अपर्याप्त हवा-पानी और निकास संबंधी समस्या के कारण म्युनिशिपल कारपोरेशंस ने बेसमेंट इस्तेमाल को लेकर कड़े कानून बनाए हैं. यहां तक कि बेसमेंट में कानूनी तौर पर ऑफिस या कोचिंग जैसी गतिविधियां भी बिना प्राधिकरी एजेंसी की अनुमति के नहीं हो सकतीं. नेशनल बिल्डिंग कोड में साफतौर पर बेसमेंट में बाथरूम और किचन बनाने पर मनाही है, हालांकि सीवर के स्तर को लेकर कहीं कहीं इसमें छूट भी है.
सवाल – क्या भारत में बेसमेंट का इस्तेमाल आफिस और कार्मशियल एक्टिविटीज के लिए हो सकता है?– नेशनल बिल्डिंग कोड कहता है कि बेसमेंट की कार्मशियल गतिविधियों का उपयोग हो सकता है लेकिन इसके लिए सक्षम नगर पालिका या नगर निगम से उचित अनुमति लेनी होगी. लेकिन इसमें बड़े आफिस नहीं चलाए जा सकते. ना ही कोचिंग जैसी गतिविधियां हो सकती हैं.वकील, डॉक्टर और इंजीनियर जैसे पेशेवरों को आवासीय बेसमेंट में अपने कार्यालय संचालित करने की अनुमति है, क्योंकि इन गतिविधियों को पारंपरिक व्यावसायिक गतिविधियों के बजाय सेवा के काम माना जाता है.
भारत में बेसमेंट इस्तेमाल के नियम बहुत कड़े हैं. रिहायशी तौर पर उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोचिंग में भी उनका इस्तेमाल नहीं हो सकता, ये गैरकानूनी है. (पीटीआई)
नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार, बेसमेंट का उपयोग भंडारण, पार्किंग और कुछ व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जा सकता है, लेकिन जब तक सीवर स्तर इसकी अनुमति नहीं देता तब तक उनमें रसोई या बाथरूम शामिल नहीं हो सकते.बेसमेंट में सामान्य या छोटे आफिस स्थापित करने से पहले संपत्ति मालिकों को एमसीडी से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना होगा.ये सुनिश्चित करना होगा कि बेसमेंट सुरक्षा और भवन नियमों का अनुपालन करता है.
सवाल – जापान में किन इलाकों में बेसमेंट बनाना गैरकानूनी हो चुका है?– जापान में बाढ़ और भूकंप आपदा माने जाने वाले इलाकों में बेसमेंट किसी हालत में नहीं बनाया जा सकता. ये नियम लोगों को बेसमेंट में रहने की मनाही करते हैं. ताकि सुरक्षा और स्ट्रक्चरल इंटीग्रिटी बनी रहे.
सवाल – इटली में बेसमेंट का इस्तेमाल किन उद्देश्यों के लिए होता है?– इटली में बेसमेंट का इस्तेमाल केवल स्टोरेज और कामर्शियल उद्देश्यों के लिए ही किया जा सकता है. इसका आवासीय इस्तेमाल आमतौर पर नहीं हो सकता. जर्मनी और फ्रांस में इसके नियम इलाकों के हिसाब से अलग हैं. लेकिन हर जगह बेसमेंट का इस्तेमल आवासी तौर पर सुरक्षा कारणों से नहीं किया जा सकता.
सियोल में पैरासाइट अपार्टमेंट में दो साल पहले बाढ़ के दौरान इन फ्लैट्स में रहने वालों का बुरा हाल हो गया. कुछ मौतें भी हुईं.
सवाल – साउथ कोरिया में बेसमेंट अपार्टमेंट में क्या हादसा हुआ कि हर का ध्यान उस ओर चला गया?अब आइए दक्षिण कोरिया की बात करते हैं, जहां दो साल पहले साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में पैरासाइट टाइप बेसमेंट रेजीडेंट्स की बहुतायत थी, लेकिन अगस्त 2022 में सियोल में भीषण बाढ़ के कारण कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जिसमें बेसमेंट अपार्टमेंट में फंसे लोग भी शामिल थे, जिन्हें “बंजिहा” के नाम से जाना जाता था. इन बेसमेंट अपार्टमेंट्स ने फिल्म पैरासाइट के माध्यम से खासा चर्चाएं हासिल की थीं.
सवाल – ये अपार्टमेंट कैसे होते हैं और अब इनको क्यों बैन कर दिया गया?– ये अपार्टमेंट्स तंग और अक्सर नम रहते हैं. इसमें आमतौर पर कम आय वाले परिवार रहते हैं. इनमें अक्सर जलभराव से दिक्कत हो जाती है. भारी बारिश के दौरान ये खासे असुरक्षित हो जाते हैं. दो साल पहले हुए हादसों के बाद सियोल मेट्रोपॉलिटन सरकार ने नए बेसमेंट फ्लैटों के निर्माण को ना केवल रोक दिया बल्कि मौजूदा बेसमेंट अपार्टमेंट्स को धीरे धीरे खत्म कर देने की योजना पर काम शुरू कर दिया.
सियोल के पैरासाइट अपार्टमेंट्स में छतें नीची होती हैं और रहने की स्थितियां बहुत खराब. अब इनके बनाए जाने पर रोक लग चुकी हैं. सियोल ऐसे जो अपार्टमेंट हैं भी, वो भी धीरे धीरे चरणबद्ध तरीके से खत्म कर दिए जाएंगे.
सवाल – साउथ कोरिया की “पैरासाइट” फिल्म में क्या दिखाया गया था?– बोंग जून-हो की 2019 की फिल्म “पैरासाइ”ट में सियोल के एक बंजीहा में रहने वाले एक निम्न-आय वाले परिवार को दिखाया गया . जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेसमेंट फ्लैटों की असुरक्षा और दिक्कतों के साथ इनके करीब गैरमानवीय होने को लेकर जागरूकता बढ़ाई. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 तक सियोल में लगभग 200,000 ऐसे फ्लैट थे, जो राजधानी के सभी घरों का 5% हिस्सा था. लेकिन अब ऐसे नए फ्लैट नहीं बनेंगे और जो हैं भी उन्हें धीरे धीरे बंद कर दिया जाएगा.
सवाल – आमतौर पर बेसमेंट के इस्तेमाल की सबसे बड़ी शिकायत क्या होती है?– वहां बहुत कम रोशनी आती है. गर्मियों में इनमें असहनीय तौर पर उमस हो जाती है. तो तेजी से फंफूद पड़ने लगती है. छतें काफी नीची होती हैं. दरअसल 1980 के दशक में जब सियोल में आवास संकट पैदा हो गया और वहां जगह की कमी हो गई, तो सरकार को इन भूमिगत स्थानों को रहने के लिए वैध बनाने के लिए मजबूर होना पड़ा. भीड़-भाड़ वाले सियोल में जगह की कमी है और किराया भी बहुत ज़्यादा है.
लंदन के महंगे इलाकों में जहां सुपर रिच लोग रहते हैं, वो बेसमेंट में नीचे 04-05 लग्जरी मंजिलें बनाकर रहते हैं. इसमें नीचे स्विमिंग पूल से लेकर जिम, पार्किंग और सुविधासंपन्न चीजें होती हैं. लेकिन अब ब्रिटेन में बहुमंजिला बेसमेंट पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
सवाल – लंदन में भी बहुमंजिला बेसमेंट इमारते हैं, क्या उन पर प्रतिबंध लगने की बात हो रही है?– लंदन के बहुमंजिला बेसमेंट इमारतों को आइसबर्ग होम कहा जाता है. लंदन के अमीर और मशहूर लोगों के लिए ये घरों को विस्तार देने का नया तरीका बन गए हैं. लेकिन अब लंदन के सबसे धनी इलाकों में बनने वाले बहुमंजिला बेसमेंट पर रोक लगाई जा चुकी है. लंदन के केंसिंग्टन और चेल्सी नगर में इन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि ये यहां बेसमेंट बनाए जा सकेंगे लेकिन ये कितने लंबे चौड़े होंगे, उन्हें जरूर नियमों के दायरे में बांधा गया है.
सवाल – लंदन के महंगे इलाकों में ये बेसमेंट कितने मंजिलों के होते थे?– लंदन में ये बेसमेंट दो से तीन मंजिलों के होते थे. इन्हें बहुत सुविधापूर्ण तरीके से बनाया जाता था. इनमें से कई बेसमेंट बहुमंजिला इमारतें तो एक सदी से ज्यादा पुरानी हैं. यहां तक कि कई अमीरों ने बेसमेंट में स्विमिंग पुल भी बनवा लिया, जिसमें भारतीय इस्पात अरबपति लक्ष्मी मित्तल भी शामिल हैं. हालांकि ऐसे निर्माण को लेकर अब पड़ोसी बहुत शिकायतें कर रहे हैं.
सवाल -इन बेसमेंट को मेगा बेसमेंट कहते हैं इन्हें लेकर अब क्यों विरोध बढ़ा है?– मेगा बेसमेंट के लिए काफी खुदाई जमीन के नीचे करनी होती है, जिससे शोर, धूल और दूसरी दिक्कतें होती हैं. मसलन निर्माण या खुदाई के समय जमीन कांपती हुई लगती है. अकेले केंसिंग्टन और चेल्सी में पहले मेगा बेसमेंट अगर वर्ष 2001 तक केवल 46 थे तो 2013 तक ये बढ़कर 450 हो गए. हालांकि अब तो इन पर रोक ही लग गई है.
FIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 18:01 IST