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ऑफिस में तनाव से दूर और बॉस के करीब लाएंगे ये 10 साइंटिफिक टिप्स, प्रोडक्टिविटी भी बढेगी और नौकरी में तरक्की भी होगी

How to make your job less stressful: गुजिस्ता साल चला गया. नए साल के तरन्नुम की खुमारी भी अब उतर चुकी है. 2024 साल का पहला हफ्ता भी बीत गया. अब यह समय पुरजोर मेहनत के साथ काम पर लगने का है. पिछले दो-तीन सालों से कोरोना महामारी ने दफ्तर और निजी कामों के बीच घालमेल ला दिया है. इस फेटमफेटी में न तो हम अपने घरों के कामों में संतुलन बना पा रहे थे और न ही दफ्तर के कामों पर सही तरीके से फोकस कर रहे हैं. नतीजा हमारी प्रोडक्टिविटी कम हुई है और ऑफिस की टेंशन सिर पर कैबरे डांस कर रही है.

तमाम उधेड़बुन का लब्बोलुआब यह है कि नए साल में अब हमें अपनी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना है और टेंशन फ्री भी रहना है. लेकिन यह काम घबराने से होगा नहीं. दुनिया भर के विशेषज्ञों ने काम और घर के बीच संतुलन बनाने के लिए एक से बढ़कर एक नजरिया पेश किया है. इन नजरियों से आप दफ्तर में अपनी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ा सकेंगे और टेंशन फ्री भी हो सकेंगे. तो आइए जानते हैं दफ्तर में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के बेहद खास टिप्स…

ये टिप्स हैं बेहद खास

1. अपनी सीमा को सुदृढ़ करें- वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो-तीन सालों से कोरोना महामारी ने लोगों के निजी जीवन और ऑफिस के कामों के बीच घालमेल कर दिया है. अमेरिकी कंपनी वेबएक्स के वाइस प्रेसीडेंट जोनो लुक कहते हैं कि अब समय आ गया है कि आप अपनी सीमाओं को फिर से सुदृढ़ करें. ऑफिस में आप अपने लक्ष्य और इसकी सीमाओं को रिशेड्यूल करें. इसके लिए शेड्यूल बनाएं और दफ्तर के काम के प्रति समर्पण की भावना दिखाएं. शेड्यूल निर्धारित करने से काम का लक्ष्य और सीमाएं दोनों प्रभावकारी साबित हो सकेगा.

2. लक्ष्य की स्पष्टता जरूरी-टेक कंपनी मिसिंकना की सीईओ अखिला सतीश कहती हैं काम के प्रति आपका लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए. इसका एक तरीका यह है कि आपने अब तक क्या हासिल किया है और भविष्य में आप क्या करना चाहते हैं, इसका स्पष्ट खांका बनाइए. इसके बाद इस लक्ष्य को कम समय में प्राप्त करने के लिए स्पष्ट योजना बनाइए. वहीं फीडबैक भी बहुत जरूरी है. फीडबैक पर आप दूसरों से मदद भी ले सकते हैं.

3. प्राथमिकताओं को स्पष्ट करें-कार्निजी मेलोन यूनिवर्सिटी की डीन प्रोफेसर अनीता विलियम वूली कहती हैं कि जो चीजें तत्काल जरूरी है, जरूरी नहीं कि वह महत्वपूर्ण भी हो. हालांकि यह काम भी जरूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं अपनी प्राथमिकताओं को नजरअंदाज कर दें. काम के दौरान कई ऐसे तात्कालिक जरूरी काम आएंगे जिसे करना जरूरी है लेकिन आपकी प्राथमिकताएं अलग हो सकती है जो आपके लक्ष्य को निर्धारित करती है. इसलिए अपनी प्राथमिकताओं का हर दिन आकलन करें. एक बात ध्यान देने की है कि ऐसे काम आते रहेंगे लेकिन इन गैर महत्वपूर्ण जरूरी कामों के चक्कर में अपनी प्राथमिकताओं को पटरी से उतरने न दें.

4. इरादों का संप्रेषण जरूरी-अपनी प्रतिबद्धताओं और इरादों का संप्रेषण जरूरी है. आपने जो काम के लिए इरादे बनाए हैं, उन विचारों को दूसरों के साथ साझा करना आपकी टीम के सदस्यों को फायदा पहुंचा सकता है. अगर आप अपने इरादों को सार्वजनिक रूप से साझा कर चुके हैं, तो इन्हें पूरा करने में आपकी दिलचस्पी और उत्सुकता दोनों बढ़ेगी.

5. अपने कामों का आकलन करें-हमेशा कैलेंडर को देखते रहें. इस कैलेंडर में आप यह देखें कि आपने कब बेहतरीन काम किया है और कब आपका काम औसत रहा है. इन कामों को इमानदारी से आकलन करें. इस आकलन के बाद आप अपने योजना के कामों को बेहतर ढंग से फोकस कर सकेंगे. आपको यह भी देखना होगा कि कैलेंडर का कोई महत्वपूर्ण काम क्यों पीछे रह गया. इसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करना अपना लक्ष्य बनाएं.

6. हर तरह के काम को प्राथमिकता दें- सप्ताह में 168 घंटे होते हैं. इन समय को आप अपने हिसाब से विभाजित करें. इन 6 मुख्य भागों में बांट सकते हैं. करियर और खुद को एजुकेट, परिवार और दोस्त, आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टिकोण, स्वास्थ्य, मनोरंजन और सामाजिक जिम्मेदारी. अब आप विचार करें कि किन कामों पर कितने घंटे देने की जरूरत है. चूंकि हम मल्टीटास्किंग जमाने में जी रहे हैं, इसलिए हर तरह के काम प्राथमिकताओं में आने चाहिए.

7. डिजिटल उपकरणों का लाभ उठाएं– यह बात माननी होगी कि आज का युग डिजिटल युग है. लेकिन इससे लाभ उठाने का समय है. आपको इन टूल से प्रभावशाली तरीके से वाकिफ होना होगा. ऑफिस से संबंधित हर तरह की चीजें आपके इनबॉक्स में उपलब्ध होते हैं, इन्हें नजरअंदाज न करें. अपने प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए डिजिटल टूल का प्रबंधन जरूरी है. इन संसाधनों को साझा करना और इसकी सीमा निर्धारित करना भी जरूरी है. स्क्रीन टाइम को भी फिक्स कर लें. अनावश्यक एप पर समय और दिमाग को पंगु न बनाएं.

8. आराम और छुट्टियां भी जरूरी-दफ्तर के कामों में मशगुल होना अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही मानसिक सुकून के लिए छुट्टियां भी बहुत जरूरी है. कैलेंडर को देखें और ऑफिस के कम व्यस्त समय में छुट्टियां का कैलेंडर तय कर लें. योजना के साथ छुट्टियां मनाएंगे तो दिमाग तरोताजा होगा. जहां जाना चाहते हैं वहां के लिए आदर्श सप्ताहांत को चुनें. जैसे-जैसे छुट्टियां नजदीग आएगी, जोश और उमंग ज्यादा बढ़ेगा.

10. अपना बायोडाटा अपडेट करें-दफ्तर में डेडिकेशन के साथ काम करना अच्छी बात है लेकिन नए साल में अपना बायोडाटा अवश्य अपडेट करें. क्योंकि यह बात आपको भी नहीं पता कि आपको इसकी जरूरत पड़ जाएं.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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