ऑफिस में हर चौथा कर्मचारी मानसिक परेशानियों पर खामोश, खुलकर बात करने का डर | Workplace Stigma Silences Employees on Stress and Burnout

56 फीसदी कर्मचारियों ने बताया कि वो दफ्तर में थकान महसूस करते हैं
दिलचस्प बात ये है कि 56 फीसदी कर्मचारियों ने बताया कि वो दफ्तर में थकान (Tiredness) महसूस करते हैं। चिंता की बात ये है कि हर चार में से एक कर्मचारी दफ्तर में तनाव, थकान, घबराहट या डिप्रेशन के बारे में खुलकर बात करने में हिचकिचाता है। उन्हें डर रहता है कि उनकी बात को गलत समझा जाएगा।
हर चार में से एक कर्मचारी तनाव, थकान या घबराहट जैसी समस्याओं को बताने से हिचकिचाता है
उन्होंने ये भी कहा कि, “निर्माण और रिटेल जैसी इंडस्ट्रीज़ इस मामले में आगे हैं लेकिन मेंटल हेल्थ सपोर्ट, प्रोफेशनल ग्रोथ और डेवलपमेंट, मैनेजमेंट और कर्मचारियों को जोड़े रखने के मामले में गिरावट आई है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां मिलकर के काम करने की जरूरत है। ये कोई राज नहीं है कि हर चार में से एक कर्मचारी तनाव, थकान या घबराहट जैसी समस्याओं को बताने में इसलिए हिचकिचाता है क्योंकि उसे लगता है कि उसका मजाक उड़ाया जाएगा या फिर उसे गलत समझा जाएगा। इसलिए दफ्तरों में पारदर्शी और सहयोगी माहौल बनाने की बहुत जरूरत है.”
गौर करने वाली बात ये भी है कि रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 80 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को लगता है कि उनके दफ्तर में एकजुटता का भाव है लेकिन 25 साल से कम उम्र के कर्मचारियों ने सबसे कम एकजुटता का भाव महसूस किया।