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कर्नाटक कांग्रेस में शुरू हुई खटपट? अपने ही मंत्रियों से नाराज विधायक, आलाकमान ने दिल्ली में बुलाई 2 अलग-अलग बैठक

बेंगलुरु. कर्नाटक की कांग्रेस इकाई में पिछले कुछ समय से जारी असंतोष के बीच पार्टी आलाकमान ने 2 अगस्त को राज्य के पार्टी नेताओं की नई दिल्ली में दो बैठकें बुलाई हैं. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पहली बैठक पार्टी आलाकमान और कर्नाटक के शीर्ष पार्टी नेताओं के बीच होगी. वहीं दूसरी बैठक कांग्रेस के मंत्रियों के साथ होगी, जिसमें पार्टी के कुछ वरिष्ठ विधायक भी हिस्सा ले सकते हैं. इन बैठकों का मकसद कर्नाटक इकाई में जारी अंदरूनी कलह को लोकसभा चुनाव से खत्म करना है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने कांग्रेस के एक पदाधिकारी के हवाले से बताया, ‘इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच. के. पाटिल, पार्टी महासचिव के. सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला एवं कुछ अन्य शीर्ष पदाधिकारी शामिल होंगे.’

‘अपने क्षेत्र में विकास कार्य न होने से नाराज विधायक’
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस विधायकों की शिकायतों को दूर करने के लिए गुरुवार को पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बेनतीजा रहने के मद्देनजर ये बैठकें बुलाई गई हैं. कांग्रेस विधायक कथित तौर पर इस बात से नाराज हैं कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं. बैठक के दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंत्री उन्हें समय नहीं दे रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहे हैं.

वहीं कांग्रेस से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इन विधायकों ने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था, जिससे पार्टी नेताओं ने सही नहीं माना था. यहां तक कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सीएलपी बैठक के दौरान उन्हें चेतावनी दी थी कि वे ऐसी रणनीति का सहारा न लें, क्योंकि इससे सरकार की बदनामी होती है.’

विधायकों के रुख से नाराज मंत्री!
हालांकि कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. परमेश्वर ने इस बात से इनकार किया कि सीएलपी बैठक के दौरान कोई असहमति थी. परमेश्वर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि उन्हें विधायक दल के सदस्यों की एक बैठक बुलानी चाहिए. इसका कारण यह था कि पिछली सीएलपी बैठक आधे समय में ही समाप्त हो गई थी, क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंत्रियों और विधायकों से मिलना चाहते थे.’

परमेश्वर ने यह भी कहा कि सिद्धरमैया ने विधायकों से कहा कि ‘पत्र लिखना उचित नहीं है.’ उन्होंने बताया, ‘मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि यदि आपने मुझे मौखिक रूप से बताया होता तो मैं बैठक बुला लेता. उन्होंने उनसे अनुरोध किया कि भविष्य में पत्र लिखने की परंपरा जारी नहीं रखी जानी चाहिए.’

Tags: Congress, Karnataka News

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