कांस्टेबल…पटवारी…सामाजिक सुरक्षा अधिकारी का सफर तय करते हुए गंगा अब RAS में लाई 22वीं रैंक
मनमोहन सेजू/बाड़मेर. कहते है कि बचपन की मुश्किलें और विपरीत हालात हर किसी को कुछ करने की हिम्मत दे देते है. ऐसी ही तकलीफों के दौर को बचपन में देखने वाली एक बेटी ने जो अब किसी के घर की बीदणी है उसने राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग महिला में 22 वां स्थान हासिल करके इतिहास रच दिया है. बहू जब आरएएस अफसर बनकर पहली बार ससुराल में अपने घर लौटी तो सासु मां ने मंगल आरती उतारकर स्वागत किया.
बाड़मेर के पचपदरा के खट्टू गांव में शुरुआती तालीम लेने वाली गंगा चौधरी को बचपन में अपनी आठवीं की पढ़ाई के लिए रोज 14 किलोमीटर पैदल स्कूल से आना-जाना पड़ता था. ग्याहरवीं में नवोदय विद्यालय पचपदरा में पढ़ाई के दौरान जज्बा जगा कुछ कर दिखाने का. यहीं वजह रही कि कॉलेज की पढ़ाई करते समय तीसरे साल में ही उसने नौकरी को पा ली.
2016 में बनीं थी सामाजिक सुरक्षा अधिकारी
साल 2011 में इनका चयन कॉस्टेबल भर्ती में हुआ लेकिन ज्वाइन नहीं किया. जिसके बाद साल 2012 में पटवारी बनी तब गंगा बीए सेकंड ईयर में थी. कुछ समय बाद साल 2016 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा में बेहद कम रैंक (735) आने के बाद गंगा चौधरी को आरएएस एलाइड पोस्ट मिली. बालोतरा में सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के तौर पर साल 2017 से काम करते हुए खुद को साबित करने में गंगा चौधरी लगी रही.
साल 2018 की परीक्षा में मिली असफलता के बाद भी वह रुकी नही और साल 2021 की परीक्षा में राज्य भर में 138 वी रैंक के साथ राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा को पास कर झंड़े गाड़ दिए हैं. नव चयनित आरएएस गंगा चौधरी बताती हैं कि जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. क्योंकि सरकारी नौकरी के साथ साथ पूरे परिवार का जिम्मा भी था ऐसे में खुद को साबित करने के लिए लगातार मेहनत की और आखिरकार अब सफलता मिल गई है.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 14:48 IST