Rajasthan

किस्त मिलने में देरी से नहीं अटकेगा आशियाने का काम | The work of housing will not get stuck due to the delay

मिशन हाउसिंग फॉर ऑल का मामला

जयपुर

Published: January 11, 2022 10:40:53 pm

जयपुर। केन्द्र सरकार के मिशन हाउसिंग फॉर ऑल के तहत व्यक्तिगत आवास निर्माण में अब काम नहीं अटकेगा। नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं कि यदि अनुदान किस्त नहीं मिलने से मकान का निर्माण अटका हुआ है तो संबंधित निकाय खुद के स्तर पर अनुदान किस्त की राशि सीधे लाभार्थी को उपलब्ध करा सकेंगे। केन्द्र सरकार से जब किश्त जारी होगी तब निकाय उस राशि की भरपाई करेंगे। राजस्थान ने भी देश के दूसरे राज्यों की तर्ज पर नई व्यवस्था लागू कर दी है, ताकि लाभार्थी के मकान का निर्माण नहीं अटके।

1.50 लाख रुपए का अनुदान
-केन्द्र सरकार के मिशन हाउसिंग फॉर ऑल के तहत व्यक्तिगत आवास निर्माण एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है।
-इसके तहत व्यक्ति को उसकी स्वयं की भूमि पर मकान निर्माण या मौजूदा मकान के विस्तार के लिए अनुदान दिया जाता है।
-केन्द्र सरकार की ओर से डेढ़ लाख रुपए का अनुदान लाभार्थी काे उपलब्ध कराया जाता है।
-यह अनुदान 60 हजार, 60 हजार और 30 हजार रुपए की तीन किस्तों में निर्माण के अलग-अलग चरण के अनुसार उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
-अनुदान की किस्त केन्द्र सरकार की ओर से कई प्रकरणों में सम्पूर्ण राज्य के लिए एक साथ जारी की जाती है।
-इसके चलते किस्त जारी होने में हो रही देरी के कारण मकान का निर्माण का रूका रहता है।

किस्त मिलने में देरी से नहीं अटकेगा आशियाने का काम

किस्त मिलने में देरी से नहीं अटकेगा आशियाने का काम

इधर, बिल्डरों ने बंद किया काम
राज्य में मुख्यमंत्री जनआवास योजना के तहत जरूरतमंदों को निर्धारित समय पर सस्ते आशियाने देने में सरकार नाकाम हो रही है। प्रदेश के 23 शहरों में 28 आवासीय प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं, जिनमें फिलहाल 23 हजार से ज्यादा आवास (ईडब्ल्यूएस व एलआईजी) दिए जाने हैं। इनमें से करीब-करीब सभी प्रोजेक्ट में काम देरी से चल रहा है। कई प्रोजेक्ट में तो हालात यह है कि 5 से 10 साल से काम अटका हुआ है। सरकार का तर्क है कि ज्यादातर मामलों में कोविड के कारण आवंटियों ने तय राशि जमा नहीं कराई। इससे बिल्डर-विकासकर्ताओं को भी भुगतान नहीं किया जा सका है। साइड इफेक्ट यह रहा कि कई बिल्डरों ने काम रोक दिया या फिर गति धीमी कर दी।

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