कैंसर की ये दवाएं अगर आप कर रहे हैं इस्तेमाल तो अब हो जाएं सावधान, सामने आया नया सच

नई दिल्ली. देश के कई राज्यों में जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर नकली दवाओं का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. खासकर दिल्ली-एनसीार में बनी कैंसर की नकली दवाइयां अब बिहार, यूपी, राजस्थान, हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ सहित देश के सभी राज्यों में पहुंचाई जा रही है. दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि नकली दवा के कारोबार में कई लोग शामिल हैं, जिसकी तालाश जारी है. आपको बता दें कि इन दवाइयों की कीमतें बाजार में 10 लाख रुपये तक की हैं. ऐसे में कैंसर मरीजों के इस्तेमाल में आने वाली प्रीडेनीसोलोन टैबलेट, सिप्रोफ्लोक्सिन इंजेक्शन, क्लोबाजेम टैबलेट, जेन्टामाइसीन आई ड्रॉप, वेटॉक्शन टेबलेट, ऑसिएंट, टेसिग्रो, टेगरिस्क, ओलनिब, पलबॉक्सिन, ऑसिमॉरट, बिकॉन, ओसेल्टामिविर सिरप, एमोक्सीसिलीन सिरप, रेनीटिडिन टैबलेट, आइबॉक्सरिन, रिवॉलिड, लेनवेनिक्स, ल्यूसिनसन कैप्सूल, रिवॉल्डे, इनसेप्टा कैप्सूल, जेलबोरेफ टेबलेट और मेकोनाजोल क्रीममोनोसेफ सहित कई अन्य दवाइयां नकली भी मिल रही हैं. ऐसे में अगर आप इन दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आगे से खरीदने से पहले इसकी जांच जरूर करवा लें.
कैंसर की इस दवा के इस्तेमाल करने के बाद मरीजों में अब साइड इफेक्ट आने शुरू हो गए हैं. दिल्ली पुलिस को पीड़ितों की लगातार शिकायतें मिल रही हैं. पिछले दिनों ही दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के जुड़े कई बैंक खातों को सील कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इन खातों में करोड़ों रुपये जमा हैं. पुलिस ने कहा है कि मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कोई और नहीं बल्कि, दिल्ली-एनसीआर के अस्पतालों में तैनात कुछ स्वास्थ्यकर्मी ही कर रहे हैं. इस रैकेट में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे इंजीनियर और डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का सरगना दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर है.

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)
इस रैकेट में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे इंजीनियर और डॉक्टर भी संलिप्त हैं. (फाइल फोटो PTI)
राजधानी में लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़
पिछले दिनों ही दिल्ली पुलिस ने एक सप्लायर को गिरफ्तार किया था. इस सप्लायर ने 16 कैंसर पीड़ित मरीजों को नकली दवाएं बेची थी. इस दवा का इस्तेमाल करने से किसी की आंखों की रोशनी चली गई तो किसी के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. सभी पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने सक्रियता दिखाई तो बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. पीड़ितों की शिकायत पर कई राज्यों में छापेमारी जारी है.
कैंसर की दवाइयां कितनी महंगी होती हैं
गौरतलब है कि कैंसर की दवाइयां काफी महंगी होती हैं. दिल्ली पुलिस ने बरामद दवाइयों की सैंपल को एम्स दिल्ली भेजा तो पता चला कि ये दवाइयां नकली हैं. कैंसर की बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवा इब्रुटीनिब कैप्सूल, ल्युसीब्रू 140 जैसी दवाएं बाजार में नकली मिल रही हैं. ये दवाइयां 8 से 10 हजार रुपये में मार्केट में मिलती हैं और ब्लड कैंसर सहित दूसरी दिक्कतों में भी इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है.

गाजियाबाद के मुरादनगर, लोन, ट्रोनिका सिटी और राजनगर एक्सटेंशन जैसे जगहों पर नकली दवाओं का मिलना रुक नहीं रहा है.. (Image-Canva)
ये भी पढ़ें: इन शहरों में अब मकान, दुकान और जमीन के दाम घटेंगे! रियल एस्टेट कारोबार में आएगी तेजी और नहीं बढ़ेंगे होम लोन पर EMI की दरें
हाल के दिनों में दिल्ली एनसीआर में नकली दवाओं के कई खेप पकड़े गए हैं. गाजियाबाद के मुरादनगर, लोन, ट्रोनिका सिटी और राजनगर एक्सटेंशन जैसे जगहों पर नकली दवाओं का मिलना रुक नहीं रहा है. पिछले साल 10 नवंबर को गाजियाबाद के डासना में 5 लाख की नकली दवा सील की गई थी. दिल्ली से सटे लोनी में 11 नवंबर को दिल्ली पुलिस के सहयोग से यूपी पुलिस ने 8 करोड़ की नकली दवा पकड़ी थी. पिछले साल 8 सितंबर को राजनगर एक्सटेंशन में 16 लाख नकली इंजेक्शन सील किए गए थे. पिछले साल ही 21 सितंबर को दिल्ली-एनसीआर सटे बागपत और शामली में 15 लाख रुपये की नकली दवा बरामद किए गए थे. पिछले साल 3 नवंबर को ही संभल में एक करोड़ की नकली दवाओं के साथ 4 को गिरफ्तार किया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Cancer, Delhi-NCR News, Medicines, Pharmaceutical company
FIRST PUBLISHED : April 07, 2023, 19:45 IST