कैसा होता है जेल में कैदियों का डेली रूटीन, जिसे एम्स के डॉक्टर ने दी अपनाने की सलाह, हार्ट अटैक-डायबिटीज का रिस्क होगा कम
हाइलाइट्स
सभी जेलों में कैदी रोजाना तय दिनचर्या के हिसाब से रहते हैं.
डेली रूटीन की वजह से ही कैदी दर्जनों लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों से बचे रहते हैं.
Best Daily routine for healthy life: तिहाड़ हो या डासना जेल का नाम सुनते ही आपको भी मोटी-मोटी सलाखें और उनके पीछे बैरकों में बंद कैदी ही दिखाई देते होंगे. या फिर फिल्मों में दिखाए गए कैदियों के सीन ही आंखों के सामने आते होंगे. आपको लगता होगा कि वे कैसे नहाते होंगे, कैसे खाते होंगे, दिनभर क्या करते होंगे, क्या ही जीवन है उनका, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि वे आपसे भी बेहतर जीवन जी रहे हैं, उनका डेली रूटीन इतना अच्छा होता है कि डॉक्टर भी इसे अपनाने की सलाह दे रहे हैं, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा. लेकिन ये शत-प्रतिशत सच है.
तिहाड़ जेल में साइकेट्रिस्ट डॉ. विवेक रुस्तगी बताते हैं कि तिहाड़ जेल सहित दिल्ली की 16 जेलों में बंद कैदी रोजाना उस रूटीन को फॉलो करते हैं जो हमे बचपन से लेकर अब तक पढ़ाया जाता रहा है और हमारे माता-पिता हर रोज हमें इसकी सीख देते हैं लेकिन सेडेंट्री या भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल जी रहे नौकरी पेशा लोग उस रूटीन को नहीं अपनाते हैं और डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थाइरॉइड, यूरिक एसिड, कॉलेस्ट्रॉल जैसे लाइफस्टाइल डिसऑर्डर्स से जूझ रहे हैं.
ये है तिहाड़ जेल के कैदियों का डेली रूटीन
. सुबह 4 बजे उठना
. 5-5: 30 बजे तक सुबह की चाय
.8 बजे दूध ब्रेड या दलिया का नाश्ता
.11:30 बजे लंच (रोटी, दाल, चावल और सब्जी)
. दोपहर में 3 बजे चाय और बिस्कुट
. शाम को 6 बजे डिनर
. रात को 10 बजे तक सो जाना
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जेलों में बंद कैदी बेस्ट रूटीन जीते हैं.
एक्सरसाइज के साथ मेहनत भी करते हैं कैदी
डॉ. रुस्तगी कहते हैं कि जेलों में बंद कैदी सिर्फ खाते-पीते और रहते ही नहीं हैं बल्कि एक्सरसाइज, योगासन, प्राणायाम करने के अलावा खूब घूमते भी हैं. जेलों में कैदियों से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का काम करवाया जाता है. इसके बदले इन्हें मेहनताना भी मिलता है. जिससे ये फिट रहते हैं.
एम्स के डॉ. ने बताया बेस्ट रूटीन
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रेडियोडायग्नोसिस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर माल्ही कहते हैं कि जो लोग बेस्ट डेली रूटीन जानना और फॉलो करना चाहते हैं उन्हें जेल के कैदियों का रूटीन फॉलो करना चाहिए. इससे बेस्ट डेली रूटीन नहीं मिल सकता. माल्ही कहते हैं कि अगर हमें लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक आदि बीमारियों से बचना है तो ये रोजाना इस दिनचर्या को अपनाना चाहिए. यह भारत का कन्वेंशनल रूटीन है, जो आजतक हमारे बुजुर्ग हमें सिखाते आ रहे हैं.
ये हैं इस रूटीन के फायदे
डॉ. माल्ही कहते हैं कि सुबह 4 बजे उठना सेहत के लिए फायदेमंद तो है ही, उससे भी ज्यादा फायदेमंद है रात को 10 बजे तक सो जाना. रात में 10 बजे से सुबह 4 बजे तक हमारे शरीर में हार्मोन्स सबसे बेहतर गति में काम कर रहे होते हैं. इस दौरान सोने से शरीर में कभी हार्मोनल असंतुलन नहीं होगा. हाइपरटेंशन, शुगर जैसी बीमारियां दूर रहेंगी. इसके अलावा कैदियों का सुबह 8 बजे नाश्ता, साढ़े 11 से 12 बजे तक लंच और शाम को 6 बजे डिनर सेहत के लिए रामबाण है. हम सभी को यही दिनचर्या अपनानी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : April 18, 2024, 20:00 IST