jaipur news heritage nagar nigam | जो फर्नीचर 1.90 करोड़ में आ जाता, उसके लिए खर्चे 2.53 करोड़

चेहतों को फायदा, निगम खजाने का चपत
—तीन निविदाओं में हुई सामान की खरीद और हर में एक—एक को दिया गया फायदा
जयपुर
Published: January 19, 2022 09:22:13 pm
जयपुर। भले ही राजधानी की शहरी सरकारें आर्थिक तंगी से जूझ रही हों, लेकिन अधिकारी चहेती फर्मों को फायदा दिलाने में पीछे नहीं हैं। इससे न सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ रहा है, बल्कि निगम के खजाने का भी चपत लगाई जा रही है। नए नगर निगम को संवारने के नाम पर खरीदे गए फर्नीचर में करीब 63 लाख रुपए का घोटाला हो गया। अब यह मामला निगम के आला अधिकारियों की जानकारी में है। लेकिन जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बजाय बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
दरअसल, हैरिटेज नगर में मार्च और दिसम्बर 2020 के अलावा अप्रैल, 2021 में फर्नीचर की खरीद की गई। नियमानुसार खरीद की जाती तो सारा फर्नीचर 1.90 करोड़ रुपए में आ जाता। लेकिन, निगम अधिकारियों ने इसे 2.53 करोड़ रुपए में खरीदा। इससे निगम को करीब 63 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। यह सभी टेंडर मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता की ओर से निकाले गए थे। जिस तरह से एक—एक कर तीन कम्पनियों को फायदा पहुुंचाया गया, उसमें पूलिंग सिस्टम से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

जो फर्नीचर 1.90 करोड़ में आ जाता, उसके लिए खर्चे 2.53 करोड़
1—निविदा संख्या 81/2019—20 में आइटम वाइज निविदादाताओं से क्रय किया जाता तो 64.88 लाख रुपए में जरूरी सामान आ जाता। लेकिन नियम विरुद्ध जाकर अजमेर की फर्म विजय कंस्ट्रक्शन से एक साथ 1.02 करोड़ रुपए में खरीद कर ली। ऐसे में निगम को करीब 37.61 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ।
— ऊंची घूमने वाली कुर्सी: विजय कंस्ट्रक्शन से 16600 रुपए में खरीदी। जबकि, दूसरी फर्म इसे 9900 रुपए में देने को तैयार थी।
—विजिटर चेयर: इसे 3045 रुपए में खरीदा गया। जबकि निविदा में एक फर्म ने 2700 रुपए में ही देने की बात कही थी।
—एल शेप सोफा: 7250 रुपए में खरीदा गया। जबकि दूसरी फर्म इसे 6500 रुपए में ही देने को तैयार थी।
2—निविदा संख्या 16/2020—21 में अलग—अलग आइटम की खरीद करते तो सारा सामान 37.28 लाख रुपए में आ जाता, लेकिन निविदा से जुड़े सभी सामान की खरीद सिंगोदिया एंड संस, जयपुर से 52.52 लाख रुपए में हुई। यानी निगम को सीधे—सीधे 15.23 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।
—लैदर ब्लैक चेयर: 2400 रुपए में खरीद की गई। जबकि इसी टेंडर में 2183 रुपए भी कीमत एक फर्म ने डाली थी।
—ऑफिस टेबल, मल्टी स्टोरेज: इसे खरीदने के लिए निगम ने प्रति टेबल 9500 रुपए खर्चे। जबकि, 9204 रुपए भी इसी में एक फर्म ने दर दी थी।
—मीटिंग हॉल टेबल: 6800 रुपए में खरीदी। जबकि 4620 रुपए एक फर्म ने दर टेंडर में डाली थी।
3—निविदा संख्या 6/2021—22 में यदि निगम मुख्यालय के अधीक्षण अभियंता एक एक कर सामान की खरीद अलग—अलग फर्मों से करते तो 88.91 लाख रुपए में ही खरीद हो जाती, लेकिन निगम ने 98.74 लाख रुपए में आधुनिका फर्नीचर से यह सामान खरीदा। निगम को 9.82 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ।
—कांफ्रेंस टेबल: आठ हजार रुपए में खरीदी गई। जबकि 6500 रुपए में ही इसे दिया जा रहा था।
—लकड़ी की अलमारी: 6000 रुपए में खरीदा गया। जबकि, टेंडर में दूसरी फर्मों ने इसकी कीमत 3500 और 5500 रुपए दी थी।
—ऑफिस टेबल: 8500 रुपए में खरीद की गई। जबकि, टेंडर में कुछ फर्मों ने इसकी कीमत 7500 रुपए तय की थी।
अगली खबर