Rajasthan
कोटा में 80 प्रतिशत फेफड़े संक्रमित होने के बावजूद महिला ने जीती कोरोना से जंग, जानिये कैसे ? Rajasthan News-Kota News-Positive India-unique story of defeating the Corona epidemic


कोरोना पीड़ित महिला का सीटी स्कोर 18/25 आया था. (सांकेतिक तस्वीर)
Story of victory over Corona : कोरोना की दूसरी लहर में फेफड़ों में 80 प्रतिशत संक्रमण होने के बावजूद एक महिला मरीज ने धैर्य और आत्मविश्वास (Patience and confidence) के साथ इस महामारी को मात दे दी. आप भी जानिये महिला ने किस जज्बे से जीती यह जंग.
कोटा. कोरोना की दूसरी घातक लहर (Second deadly wave of corona) में कोचिंग सिटी कोटा में डॉक्टर्स के पास अलग अलग तरह के मरीज आ रहे हैं. कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो चंद घंटों में गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक महिला के कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे. उसके बावजूद महज 24 घंटे में उसका ऑक्सीजन सेचुरेशन (Oxygen saturation) 68 पर पहुंच गया. 48 घंटे के भीतर महिला के 80 प्रतिशत फेफड़ों में संक्रमण फैल गया. सीटी स्कोर 18/25 पर आ गया. ऐसे हालात में मरीज की जान बचाना डॉक्टर्स के लिए आसान नहीं होता है. लेकिन इस मरीज ने धैर्य नहीं खोया ओर सकारात्मक सोच के साथ समय पर अपना इलाज करवाया. डॉक्टर से परामर्श लेती रही और महज कुछ ही दिनों कोरोना पीड़ित अब बिल्कुल स्वस्थ हो चुकी है. डॉक्टर की जुबानी मरीज की कहानी श्वास रोग विशेषज्ञ डॉक्टर केवल कृष्ण डंग ने बताया कि 32 साल की महिला को घबराहट की शिकायत थी. 13 अप्रैल को उसका एक्स-रे करवाया तो वह नॉर्मल आया. वो दवाइयां लेकर घर चली गई. लेकिन 15 अप्रैल को उसे सांस लेने में दिक्कत हुई तो वह वापस आई. एक्स-रे जांच में निशान मिले. इस पर सीटी स्कैन करवाया. सीटी में 80 प्रतिशत फेफड़े संक्रमित मिले. सीटी स्कोर 18/25 आया. उसे कोविड अस्पताल जाने की सलाह दी गई.ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से घटकर 89 पर आ गया महिला अपने रिश्तेदार के साथ कोविड अस्पताल गई. वहां पर्ची कटाने सहित अन्य कार्यो में एक से डेढ़ घंटा लगा. इस दौरान महिला का ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से घटकर 89 पर आ गया. वह वापस लौट आई. उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. 16 अप्रैल को राउंड के दौरान महिला का सेचुरेशन 89 से डाउन होकर 68 पहुंच गया. हाई फ्लो ऑक्सीजन पर लिया गया
24 घंटे में सेचुरेशन लेवल नहीं बढ़ा तो 17 अप्रैल को जयपुर से टोसीलोजूमाब इंजेक्शन की व्यवस्था कर मरीज को लगाया गया. इंजेक्शन व स्टोरेड देने के बाद महिला 3-4 दिन में रिकवर होने लगी. महिला 9 दिन आईसीयू में भर्ती रही. अब महिला बिल्कुल स्वस्थ है. बिना ऑक्सीजन भी महिला का सेचुरेशन 98 हो गया है. बुखार से घबराएं नहीं पर हल्के में नहीं लें डॉक्टर के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक सिद्ध हो रही है. यह वायरस अब युवाओं को भी तेज गति से चपेट में ले रहा है. कोई भी युवा सर्दी बुखार को हल्के में नहीं लें. ऐसे हालात में बिना घबराये तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर लेकर इलाज करवाये. हल्के बुखार में भी युवाओं का ऑक्सीजन लेवल अचानक से घट जाता है और वो गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं. समय पर डॉक्टर को दिखाकर इलाज करवाने से जान बचाई जा सकती है.
24 घंटे में सेचुरेशन लेवल नहीं बढ़ा तो 17 अप्रैल को जयपुर से टोसीलोजूमाब इंजेक्शन की व्यवस्था कर मरीज को लगाया गया. इंजेक्शन व स्टोरेड देने के बाद महिला 3-4 दिन में रिकवर होने लगी. महिला 9 दिन आईसीयू में भर्ती रही. अब महिला बिल्कुल स्वस्थ है. बिना ऑक्सीजन भी महिला का सेचुरेशन 98 हो गया है. बुखार से घबराएं नहीं पर हल्के में नहीं लें डॉक्टर के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर बहुत ही घातक सिद्ध हो रही है. यह वायरस अब युवाओं को भी तेज गति से चपेट में ले रहा है. कोई भी युवा सर्दी बुखार को हल्के में नहीं लें. ऐसे हालात में बिना घबराये तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर लेकर इलाज करवाये. हल्के बुखार में भी युवाओं का ऑक्सीजन लेवल अचानक से घट जाता है और वो गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं. समय पर डॉक्टर को दिखाकर इलाज करवाने से जान बचाई जा सकती है.