कोटा विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन, एक्सपर्ट्स ने दिए तनाव मुक्त रहने के दिए टिप्स

शक्ति सिंह/कोटा. कोटा विश्वविद्यालय की महिला सेल की ओर से शुक्रवार को सरस्वती भवन में एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. जिसमें डेवलपिंग हेल्थ वर्क प्लेस कल्चर पर चर्चा हुई. संगोष्ठी मे ओमान प्रौद्योगिकी और विज्ञान विश्वविद्यालय की डॉ. संगीता त्रिपाठी और कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह और महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की पॉश और पॉक्सो ट्रेनर कृतिका चतुर्वेदी शामिल रहीं.
पॉश और पॉक्सो ट्रेनर कृतिका चतुर्वेदी ने बताया कि हमें अपने बच्चों के प्रति अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है. सर्वप्रथम अपराध की रोकथाम के लिए हमें स्वयं ही जागरूक होना आवश्यक है. इसके बाद भी ऐसी परिस्थतियां आएं और अपराध घटित हो, तब निर्भीकता से पुलिस और न्यायपालिका के समक्ष अपनी बात रखें. उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का काम का तनाव उनके प्रियजनों के साथ बिताए समय को प्रभावित कर सकता है. व्यक्तिगत तनाव व्यक्ति की गुणवत्ता के काम को पूरा करने की क्षमता को प्रभावित करता है.
स्वास्थ्य का ख्याल रखना सर्वोपरि
संगीता त्रिपाठी ने कहा कि कर्मचारी एक संगठन का हार्ट होते हैं. चूंकि कर्मचारी अपने जीवन का लगभग एक-तिहाई हिस्सा कार्यस्थल पर व्यतीत करते हैं, इसलिए प्रत्येक कंपनी की उनके स्वास्थ्य के प्रति एक निश्चित जिम्मेदारी होती है. स्वास्थ्य की यह प्राथमिकता जरुरी और नियमित प्रेक्टिस से संभव है. प्रो. नीलिमा सिंह ने बताया कि कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व दोगुना है. यह मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन एक- दूसरे से कैसे जुड़ते हैं. कार्यस्थल पर स्वास्थ्य का ख्याल रखना सर्वोपरि हो जाता है. ताकि वे व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह से अपनी क्षमता का पूरी तरह से एहसास कर सकें.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2023, 15:13 IST