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कोरोना काल में बहरोड़ में शराब लेने उमड़े पूर्व सैनिक, लगी लंबी लाइन, प्रशासन पहुंचा मौके पर Rajasthan News-Alwar News-Ex-servicemen gathered to brogut liquor in Behror during Corona period

अलवर के बहरोड़ कस्बे में ये लाइन कोरोना वैक्सीनेशन के लिये नहीं बल्कि शराब लेने के लिये लगी है.

अलवर के बहरोड़ कस्बे में ये लाइन कोरोना वैक्सीनेशन के लिये नहीं बल्कि शराब लेने के लिये लगी है.

Ex-servicemen set up long lines for liquor in Behror: अलवर के बहरोड़ कस्बे में आज आर्मी कैंटीन से शराब लेने के लिये पूर्व सैनिकों की भीड़ उमड़ पड़ी. सूचना पर पुलिस-प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला.

अलवर. जिले के बहरोड कस्बे में आज आर्मी कैंटीन में शराब (Liquor) लेने के लिये पूर्व सैनिकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान वहां कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. सूचना पर मौके पर पहुंचे प्रशासन ने बमुश्किल पूर्व सैनिकों (Ex-servicemen) को समझाकर दूर-दूर किया. करीब एक माह पहले भी कैंटीन प्रबंधन की ओर से गाइडलाइन का पालन नहीं किये जाने पर प्रशासन ने कैंटीन को 15 दिन के लिए सीज कर दिया था. बहरोड़ तहसीलदार डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि अलवर रोड़ पर बनी कैंटीन में आज सुबह शराब लेने वाले पूर्व सैनिकों की भीड़ जमा हो गई थी. सूचना पर प्रशासन मौके पर पहुंचा. प्रशासन ने पूर्व सैनिकों को समझाया कि कोरोना महामारी के चलते वे सरकार की गाइडलाइन का पालन करें. वरना उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. लेकिन लाइन में लगे पूर्व सैनिक अपनी जगह छोड़ने के लिये तैयार नहीं हुये. बाद में प्रशासन की ओर से कड़ाई दिखाने पर वे बमुश्किल मानें. कैंटीन प्रबंधन को भी प्रशासन ने दी हिदायत बहरोड़ तहसीलदार सिंह के अनुसार पूर्व सैनिक कैंटीन से शराब के साथ अन्य घरेलू सामान भी लेने आते हैं. लेकिन इस दौरान अनुशासन नहीं रखने के कारण वहां व्यवस्था बिगड़ गई थी. कैंटीन में पूर्व सैनिकों को समझाने के बाद प्रशासन ने कैंटीन प्रबंधन को भी हिदायत दी कि भविष्य में इस तरह की कोताही नहीं बरतें अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.कोरोना संक्रमण के मामले में अलवर जिला भी काफी आगे है उल्लेखनीय है कोरोना संक्रमण के मामले में अलवर जिला भी काफी आगे है. जिले में कोरोना का जबर्दस्त संक्रमण होने के बावजूद लोग कोरोना गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे हैं. कई बार पुलिस-प्रशासन को गाइडलाइन की पालना करवाने के लिये खासी मशक्कत करनी पड़ती है.





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