कोरोना वायरस के चलते अनाथ हुए बच्चों को सामाजिक सुरक्षा पैकेज देगी राजस्थान सरकार


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए (फाइल फोटो)
बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अनाथ हुए ऐसे बच्चों (Orphan Children) के लिए सामाजिक सुरक्षा पैकेज की घोषणा करेगी
जयपुर. कोरोना वायरस के चलते अपने माता, पिता या दोनों को खो देने वाले बच्चों की राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) मदद करेगी. बुधवार को गहलोत कैबिनेट की हुई बैठक (Gehlot Cabinet Meeting) में इस बाबत निर्णय लिया गया. बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार अनाथ हुए ऐसे बच्चों (Orphan Children) के लिए सामाजिक सुरक्षा पैकेज की घोषणा करेगी.
बता दें कि राजस्थान में बीतों दिनों के दौरान कोरोना संक्रमण से कई बच्चों के माता, पिता या दोनों अभिभावकों की मौत हो गई है. ऐसे में अनाथ हुए इन बच्चों के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है.
डोटासरा ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द किए जाने के बाद राजस्थान में भी 10वीं और 12वीं के बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने की औपचारिक जानकारी दी. गहलोत कैबिनेट की बैठक में मंथन के बाद बुधवार को यह फैसला लिया. उन्होंने कहा कि अधिकारी मार्किंग का सिस्टम तय करेंगे, और यदि बच्चे मार्किंग से सहमत नहीं होंगे तो परीक्षा के विकल्प पर फैसला हो सकता है.
मंत्रीपरिषद की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णयउन्होंने बताया कि मंत्रीपरिषद की बैठक में पहली लहर के समय जिन 33 लाख असहाय, निराश्रित और श्रमिक परिवारों को 3,500 रूपए प्रति परिवार की सहायता प्रदान की गई थी उन्हें संबल देने के लिए इस वर्ष भी एक हजार रूपए की दूसरी किश्त इसी जून माह में जारी करने का निर्णय लिया गया. इन परिवारों को एक हजार रूपए इस वर्ष की पहली किश्त अप्रैल माह में दी जा चुकी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राज्य में कोरोना वायरस प्रबंधन, टीकाकरण, कोरोना महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को संबल देने के लिए पैकेज जल्द तैयार करने और तीसरी लहर में संक्रमण के फैलाव को रोकने की तैयारियों आदि पर विस्तार से चर्चा की गई.
मंत्रिपरिषद ने प्रस्ताव पारित किया कि केंद्र सरकार अन्य आयु वर्गों की भांति ही 18-44 आयुवर्ग के युवाओं के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए. ग्लोबल टेंडर करने के बावजूद वैक्सीन निर्माता कंपनियां राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में केंद्र सरकार का दायित्व है कि जिस तरह 45 वर्ष से उपर के लोगों के लिए निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है, उसी प्रकार राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों को युवा वर्ग के लिए भी पर्याप्त मात्रा में और निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध कराए. इसी अनुरूप भविष्य में आने वाली बच्चों की वैक्सीन भी राज्यों को निशुल्क उपलब्ध कराई जानी चाहिए.