कोरोना वैक्सीनेशन में कोटा संट्रेल जेल ने मारी बाजी, सभी 1438 बंदियों को लगाई पहली डोज


जेल प्रशासन ने टीम भावना के साथ काम करते हुए न केवल जेल में संक्रमण को फैलने से रोका बल्कि वैक्सीनेशन अभियान को भी पूरी तरह से सफल बनाया है.
Kota central jail made record in corona vaccination: कोटा सेंट्रल जेल ने कोरोना वैक्सीनेशन में रिकॉर्ड बनाते हुये अपने सभी 1438 बंदियों को पहली डोज लगा दी है. वहीं 81 बंदियों के कोरोना की दूसरी डोज (Second dose) भी लगाई जा चुकी है.
कोटा. हाड़ौती संभाग के मुख्यालय कोटा का केंद्रीय कारागृह (Kota Central Jail) अक्सर अपनी क्षमता से अधिक कैदियों को लेकर सुर्खियों में रहता है. लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौर में इस कारागृह ने वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) को लेकर नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है. प्रदेश के कई इलाकों में जहां वैक्सीनेशन को लेकर अभी जागरुकता की कमी देखी जा रही है वहीं कोटा जेल प्रशासन ने राजस्थान की सभी केंद्रीय कारागृहों को पीछे छोड़ते हुए यहां वैक्सीनेशन की पहली डोज का 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है.
कोटा जेल में मौजूद सभी 1438 बंदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने वाली संजीवनी वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है. इसमें पुरुष बंदियों के साथ साथ महिला बंदी और खुली जेल में रह रहे बंदी भी शामिल हैं. यही नहीं 81 बंदियों के कोरोना की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है. कोटा केंद्रीय कारागृह वैक्सीनेशन के मामले में राज्य में प्रथम स्थान पर आ गया है.
पहले बंदियों में भी भ्रम की स्थिति थी लेकिन उसे दूर किया
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया गत माह जेल महानिदेशक राजीव दासोत ने बंदियों का वैक्सीनेशन करवाने को लेकर आदेश जारी किये थे. उसके बाद कोटा जेल में हमने लगातार बंदियों को वैक्सीनेशन के लिए मोटिवेट किया. बकौल जेल अधीक्षक मालीवाल वैक्सीनेशन को लेकर पहले बंदियों में भी भ्रम की स्थिति थी. लेकिन जेल वाणी सहित अन्य जागरुकता कार्यक्रम बंदियों के बीच चलाए गए और उनको वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया गया.जेल में लगातार चल रहा है नवाचार
इस पूरे सफल आयोजन में जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ और सीएमएचओ भूपेंद्र सिंह तंवर ने पूरा सहयोग दिया. इससे न सिर्फ बंदियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया गया बल्कि कोरोना के दुष्प्रभाव के बारे में भी उनको पूरी जानकारी दी गई. कोटा केंद्रीय कारागृह में बीते कई दिनों से बंदियों के सुधार और उनको रोजगार से जोड़ने के लिए लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. जेल प्रशासन ने टीम भावना के साथ काम करते हुए न केवल जेल में संक्रमण को फैलने से रोका बल्कि वैक्सीनेशन अभियान को भी पूरी तरह से सफल बनाया है.