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कौन लेगा अंधेरे में बैठे रामलला की सुध?


प्रेम शर्मा। अयोध्या में राम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देश-दुनिया अति उत्साहित हैं। सोमवार 22 जनवरी को दीवाली की तरह मनाए जाने के लिए हर वर्ग आमदा है, व्यापारी वर्ग बाजारों को भगवा कर जगमग कर रहे हैं तो लोग घरों को सजा रहे हैं। आतिशबाजी करने के लिए पटाखे खरीदें जा रहे हैं लेकिन इन सब से दूर जयपुर में रामलला का ऐसा भी मंदिर है जहां रामलला अपने बाल स्वरूप में मां कौशल्या के साथ विराजमान हैं और अंधेरे में बैठे कह रहे हैं अरे ओ रोशनी वालों नजर उन पर भी कुछ डालों।


रामलला का यह मंदिर गुलाबी नगरी जयपुर की बसावट के समय का बताया जाता है ओर जौहरी बाजार में रामलला जी का रास्ता में स्थित है। राम मंदिर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर मंदिरों की सफाई करने के साथ सजाया संवारा जा रहा है। जयपुर सहित राजस्थान के अनेक मंदिरों में प्रदेश की डबल इंजन सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी अपनी सेवाएं दी, इनकी केबिनेट के मंत्रियों ने भी मंदिरों में झाड़ू पोछा किया।

जयपुर में दोनों नगर निगम की महापौर के साथ निगम अमला भी मंदिरों को चकाचौंध करने में लगा रहा। जब रामलला इस कदर लोगों के रोम रोम में छाए हुए हैं तो रियासत काल से जयपुर में विराजे रामलला पर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी?


क्या डबल इंजन सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मंदिर की भी सुध लेंगे 22 जनवरी के महापर्व से पहले? फिलहाल तो रामलला अपनी मां के संग अंधेरे में बैठे इस इंतजार में हैं कि कोई तो राम का प्यारा उन्हे भी उजाले की ओर ले आए ओर उनकी भी सहभागिता इस महापर्व पर हो सके।

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