Rajasthan

कौन हैं दशरथ जोधा? जिन्होंने 1 साल में पाई 5 सरकारी नौकरियां, 2 बार दे चुके हैं RAS इंटरव्यू

Success Story : सरकारी नौकरियों के लिए मची जबर्दस्त मारा-मारी के इस दौर में एक बार भी नौकरी लगना बड़ी बात मानी जाती है. लेकिन राजस्थान के एक दशरथ सिंह जोधा की कहानी इस मामले में अलग और लोगों को प्रेरित करने वाली है. जैसलमेर जिले के गांव छंतागढ़ के रहने वाले दशरथ सिंह जोधा ने महज एक साल के भीतर पांच प्रतियोगी परीक्षाएं पास कर डाली हैं.

दशरथ सिंह का सेलेक्शन एक के बाद एक पांच नौकरियों में हो चुका है. लेकिन वह राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में अफसर बनना चाहते हैं. जिसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार दशरथ सिंह का पूरा ध्यान अभी 27 जनवरी 2024 को होने वाली आरएएस मेन्स की तैयारी पर है. जाहिर बात है कि वह आरएएस का प्रीलिम्स क्रैक कर चुके हैं.

दशरथ सिंह की सरकारी नौकरियां

ग्राम सेवक
थर्ड ग्रेड टीचर
सब इंस्पेक्टर
सेकेंड ग्रेड टीचर
फर्स्ट ग्रेड टीचर

दो बार पास कर चुके हैं आरएएस प्रीलिम्स

दशरथ सिंह राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी बनना चाहते हैं. उन्होंने साल 2018 और 2021 की आरएएएस परीक्षा दी थी. दोनों ही बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है. अपने तीसरे प्रयास में भी वह आरएएस प्रीलिम्स क्रैक कर चुके हैं. अब मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं.

असफलताओं को बनाया अपनी ताकत

दशरथ सिंह जोधा ने कई असफलताओं का सामना किया है. लेकिन वह कहते हैं कि मैनें अपनी कमियों, गलतियों और असफलताओं से सीखा है. 2015 में वह राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में अंतिम मेरिट में आकर चूक गए. इसके अलावा रीट मुख्य परीक्षा 2018 में भी 0.16 अंकों से चयन होने से रह गया.

एक बेटे के पिता हैं दशरथ

दशरथ सिंह जोधा का घर जैसलमेर जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर गांव छंतागढ़ में है. उनके पिता बीएसएफ से रिटायर हैं. दशरथ सिंह चार बहनों के के इकलौते भाई हैं. दशरथ सिंह ने साल 2018 मेकं तुलछ कंवर से शादी की थी. वह एक बेटे के पिता हैं.

क्या है दशरथ सिंह की रणनीति ?

दशरथ सिंह बताते हैं कि वह पिछले सात-आठ साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. शुरुआती दिनों में वह हर विषय की किताब पढ़ जाते थे. जिसकी वजह से हिंदी सहित कुछ विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ हो गई. वहीं परीक्षा के दौरान उन्हें चार ऑप्शन में से जो सबसे अलग लगता है सोच समझकर उसको ओएमआर शीट में भरते हैं. यह रणनीति कारगर साबित हो रही है.

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Tags: Job and career, Rajasthan news, Success Story

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