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क्या आपके बच्चे को एग्जाम से लगता है डर? मनोचिकित्सक ने बताया कारण-उपाय

अनूप पासवान/कोरबाः सीबीएसई और सीजी बोर्ड एग्जाम 2023-24 की परीक्षाएं कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली हैं. एग्जाम का नाम सुनते ही बच्चों के मन में एक अलग सा डर बैठ जाता है, जिसे एंग्जाइटी या एग्जाम फोबिया कहा जाता है. पढ़ने के बावजूद बच्चे चीजों को भूल जाते हैं या फिर एग्जाम का डर इस कदर उनके मन में बैठ जाता है, जिससे वह तैयारी ही नहीं कर पाते हैं. परीक्षा को लेकर बच्चों में होने वाली डर के विषय में हमने मनोचिकित्सक से बातचीत की.

मनोचिकित्सक डॉ नीलिमा महापात्र ने बताया कि एग्जाम फियर बच्चों में कॉमन प्रॉब्लम होती है. जिन बच्चों की तैयारी नहीं होती है, वह परीक्षा से डरते ही हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पढ़ने के बावजूद भी बच्चे एग्जाम का नाम सुनते ही डर जाते हैं. यह एक बड़ी समस्या बच्चों के लिए हो सकती है. ऐसे में बच्चों का किसी मनोरोग विशेषज्ञ से काउंसलिंग करवाएं, जिसके बाद बच्चा डर को टेकल करना सीख जाएगा.

मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चे पढ़ने के बावजूद अगर एग्जाम के नाम से डरते हैं या फिर डर की वजह से कुछ पढ़ नहीं पा रहे हैं. तो इसके लिए बच्चों को एग्जाम के दो या तीन महीने पहले मनोरोग विशेषज्ञ से काउंसलिंग करवाना चाहिए. 3 महीने के थेरेपी के बाद बच्चा डर से लड़ना सीख जाएगा और आगे बेहतर पढ़ाई करेगा.

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टाइम टेबल के अनुसार करें पढ़ाई
मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि बच्चों में एक सबसे बड़ी बुरी आदत होती है, चीजों को टालना, बच्चे कल कर लेंगे. यह कहकर समय को गवा देते हैं, ऐसे में पेरेंट्स को इस विषय का विशेष ध्यान रखना चाहिए. एग्जाम के पहले एक टाइम टेबल बनाकर बच्चों को प्रत्येक दिन उसके अनुसार तैयारी करनी चाहिए. जिससे बच्चे की तैयारी पूरी होने के बाद उसके पास रिवीजन करने का समय बच जाए.

Tags: Chhattisgarh news, Korba news, Local18

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