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क्या रोज नहाना जरूरी है? हेल्थ पर क्या होता है इसका असर, इस काम से किचकिचाने वाले पढ़ लें ये खबर

Daily Bathing Impact on Body: भारत में लगभग सभी वयस्क रोज नहाते हैं. हालांकि दुनिया में अन्य देशों में ऐसा नहीं है. वैश्विक नजरिए से देखा जाए तो लगभग एक तिहाई अमेरिकन भी रोज नहाते हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया में 80 प्रतिशत लोग रोज नहाते हैं लेकिन चीन में आधे से ज्यादा रोज नहीं नहाते. वे सप्ताह में सिर्फ दो दिन नहाते हैं. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल उठता है कि क्या रोज नहीं नहाना चाहिए. भारत में अधिकांश लोगों का मानना है कि रोज नहाने से हम साफ-सुथरा रहते हैं और इससे हमारे शरीर की गंदगी निकल जाती है. इसलिए अगर भारत में किसी से कहा जाए रोज नहीं नहाना चाहिए तो वे इसका मजाक ही उड़ाएंगे पर पश्चिमी जगत के डॉक्टरों का मानना है कि रोज नहाना फिजुल की चीजें हैं.

सामाजिक दस्तूर के सिवा कुछ नहीं
बीबीसी की एक रिपोर्ट में एक पर्यावरणविद दोनाचढ़ माकार्थी का कहना है कि रोज नहाना एक सामाजिक दस्तूर है. समाज में यह धारणा है कि नहाने से शरीर का दुर्गंध हट जाता है. समाज में इसे ही स्वीकार कर लिया गया है लेकिन इस बात में कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने कहा कि हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि हमें समाज ने कह दिया है कि ऐसा नहीं करेंगे तो बीमारी पड़ जाएंगे. इसलिए हम डरते हैं. मेकार्थी खुद महीने में सिर्फ दो दिन नहाते हैं. उन्होंने अमेजन के जंगल में यानोमामी जनजातीय लोगों के साथ दो सप्ताह तक समय बिताया था. ये जनजाती भी नहीं नहाते हैं. वहां से आने के बाद उन्होंने रोज नहाना छोड़ दिया.

स्किन में चिपके होते हैं सुरक्षात्मक लेयर
आलबॉर्ग यूनिवर्सिटी, डेनमार्क के पर्यावरण प्रोफेसर क्रिस्टीन ग्राम हेंसेन ने बताया कि यदि आप 100 पहले मुड़ कर देखें तो उस समय लोग रोज नहीं नहाते थे. इससे कोई हेल्थ को फायदा पहुंचे, इस बात के कोई प्रमाण नहीं है. ऐसे में लोग इसलिए नहाते हैं कि समाज ने ऐसा कहा है. डॉक्टर अक्सर ये सलाह देते हैं कि अगर आपकी स्किन ड्राई है या एक्जिमा जैसी स्किन इंफेक्शन की शिकार हैं तो रोज न नहाएं. ऐसा इसलिए क्योंकि रोज नहाने से आपके स्किन में चिपके असंख्य माइक्रो ऑर्गेनिज्म यानी सूक्ष्म जीव मर जाएंगे जो आपकी स्किन की रक्षा करते थे.

गुड बैक्टीरिया कम हो जाएगा
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के डॉ. रोबर्ट एच शिमर्लिंग कहते हैं कि नॉर्मली हेल्दी स्किन से निकलने वाला तेल, गुड बैक्टीरिया और माइक्रोऑर्गेनिज्म स्किन को मैंटेन कर के रखते हैं. अगर हम रोजाना साबुन से नहाएंगे तो इससे स्किन से ये सारे चीज निकल जाएंगे जिसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसके परिणामस्वरूप स्किन ड्राई और इचिंग हो सकती है. स्किन ड्राई होने से इसमें हानिकारक बैक्टीरिया के पहुंचने का मौका मिल जाता है और यह स्किन और स्किन के बीच सुरक्षात्मक परत को तोड़ देता जिससे कई तरह के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

तो फिर क्या रोज नहीं नहाना चाहिए
अब तक रोज नहाने को लेकर जो बातें सामने आती हैं वह आमतौर पर पश्चिमी देशों के एक्सपर्ट की ओर से आती हैं. इसे लेकर कोई खास रिसर्च नहीं हुई हैं. हम जानते हैं कि स्किन में लाखों गुड बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीव स्किन की रक्षा करते हैं लेकिन भारत जैसे देशों में डस्ट पॉल्यूशन बहुत ज्यादा है. अगर डस्ट पॉल्यूशन स्किन पर ज्यादा चिपक जाए तो यह भी कम नुकसानदेह नहीं है. इसलिए ये बातें अभी गडमड है. न्यूयॉर्क टाइम्स में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. जोसी पार्क बताती हैं कि आप कितने दिन पर नहाएं ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर से कितना पसीना निकलता है और आपकी स्किन में कितनी धूल चिपकती है. अगर ये ज्यादा हैं तो नहाना भी जरूरी है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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