Government Became Active For Not Opening Petrol Pump Within 50 Meters – स्कूल-अस्पताल के 50 मीटर दायरे में पेट्रोल पम्प नहीं खोलने पर सरकार हुई सक्रिय

राजस्थान सरकार ने शहरी निकायों से मांगी नए पेट्रोल पम्प की जानकारी

जयपुर। राज्य में स्कूल और 10 बेड से अधिक वाले अस्पतालों के 50 मीटर दायरे में नया पेट्रोल पम्प लगाने की अनुमति नहीं देने के आदेश से खुद सरकार भी पसोपेश में है। अब राज्य सरकार ने सभी शहरी निकायों से ऐसे मामलोें की विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके पीछे तर्क तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश की पालना कराने का है लेकिन मकसद यह है कि इस आदेश की आड़ में पेट्रोल पम्प संचालित करने वालों को कोई परेशानी नहीं हो। प्रमुख सचिव नगरीय विकास की अध्यक्षता में हाल ही हुई स्टेट लैंड यूज चेंज कमेटी की बैठक में इस पर मंथन हुआ।
कमेटी ने निकायों से यह मांगी जानकारी
-पेट्रोलियम कंपनी की ओर से जारी अनुमोदित मानचित्र में प्रस्तावित पेट्रोल पंप पर स्थापित वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट व स्टोरेज टैंक की स्थिति का स्पष्ट अंकन करते हुए संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक की स्पष्ट टिप्पणी भिजवानी होगी।
-भूमि पर प्रस्तावित पेट्रोल पंप के लिए लगाए जाने वाले वेंट पॉइंट, फिल प्वाइंट, डिस्पेंसिंग यूनिट और स्टोरेज टैंक, इनमें से जो भी नजदीक हो, वहां से 50 मीटर की परिधि में मौके की स्थिति की सर्वे रिपोर्ट।
-सर्वे रिपोर्ट पर संबंधित निकाय के आयुक्त या अधिशासी अधिकारी, संबंधित वरिष्ठ नगर नियोजक या उनके प्रतिनिधि और आवेदक अथवा भूमि मालिक के हस्ताक्षर होने चाहिए।
-इससे पता चल सकेगा कि 50 मीटर के दायरे में मौके की स्थिति क्या है।
फिर कमेटी तय करेगी
नगर नियोजन विभाग की ओर से यह समस्त जानकारी भिजवाने के लिए संबंधित विकास प्राधिकरण, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं के आयुक्त व अधिशासी अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। यह जानकारी निकायों से 10 दिन में भेजनी होगी। इस जानकारी के आधार पर स्टेट लैंड यूज चेंज कमेटी यह फैसला कर सकेगी कि कौन से लंबित प्रकरण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के मापदंड पर खरे उतरते हैं।