Rajasthan

Panchkalyan festival spreads devotion – Acharya Chaityasagar | पंचकल्याण महोत्सव से होता है भक्ति का संचार -आचार्य चैत्यसागर

msg294089779-36201.jpgयह भी हुए कार्यक्रम प्रतिष्ठाचार्य वाणी भूषण डॉ.आनंद प्रकाशने शांति हवन करवाया। दोपहर में गोद भराई की गई और महोत्सव में भगवान के माता-पिता बने हरकचंद-कुसुम जैन का समाजबंधुओं ने बहुमान किया गया। साम को आरती व प्रवचन के बाद गर्भकल्याणक की पूर्व क्रियाएं हुई। जिसमें भेरी ताडन,मंगलाचरण,तत्वचर्चा,इन्द्रासना ,सुधर्मा सभा,सौधर्म-षचि वार्ता,कुबेर आगमन व सौधर्म इन्द्र की चर्चा,नगरी रचना,नई नगरी में महाराजा व महारानी का प्रवेष,रत्नवृष्टि,याचकों की आषा पूर्ति,माता की सेवा में अष्टकृमारियों की नियुक्ति,माता की सेवा व माता का शयन व सोलह स्वप्न व उनका फल के बाद मध्य रात्रि में गर्भकल्याणक की आंतरिक क्रियाएं व माता की गोद भराई सहित अन्य क्रियाएं सम्पन्न हुई। गर्भकल्याणक की इन क्रियाओं के देख श्रद्धालू भाव विभोर हो उठे।

प्रचार संयोजक रितेष जैन व शुभम शाह ने बताया कि महोत्सव के तहत गुरुवार को सुबह छह बजे नित्य नियम पूजा के बाद गर्भकल्याणक पूजा के बाद शांति हवन होगा। इसके बाद सुबह 7.30 बजे तीर्थंकर बालक का जन्म,इन्द्र सभा,षची सौधर्म वार्ता,सौधर्म का अवधिज्ञान से तीर्थंकर जन्म को जानना,नमस्कार,कुबेर इन्इ्र के पात्र बने अमित-रितु गोधा की सौधर्म इन्द्र के पात्र बने प्रेम कुमार-पदमा जैन से वार्ता,सौधर्म इन्द्र का सप्त सेना अयोध्या के लिए प्रस्थान, अयोध्या परिक्रमा,माता को मायामयी निद्रा में सुलाना,मायावी बालक का निर्माण,प्रसुतिगृह से बालक से जिन बालक को लाना और सौधर्म इन्द्र को सौंपना, आदि क्रियाओं होगी।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj