National

ग्‍लोबल साउथ, कर्ज जाल में विकासशील देश… Moneycontrol को दिए एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में क्‍या कुछ बोले PM मोदी?

नई दिल्‍ली. जी20 समिट से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्‍यूज18 ग्रुप की वेबसाइट Moneycontrol को दिए एक्‍सक्‍लूजिव इंटरव्‍यू में कहा कि पहली बार G20 की तिकड़ी ग्लोबल साउथ के तीन सदस्य देश यानी इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील के पास है. हम मिलकर विकासशील देशों के हितों को आगे बढ़ा सकते हैं. यहां तिकड़ी से मतलब G20 के पिछले, वर्तमान और आने वाले अध्‍यक्ष देशों से है. भारत जी20 का मौजूदा अध्‍यक्ष है जबकि इंडोनेशिया ने पिछले साल और ब्राजील अगले साल जी20 की अध्‍यक्षता करेगा.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण समय में जब वैश्विक जियो-पॉलिटिक्‍स के कारण तनाव बढ़ गया है. भारत, इंडोनेशिया और ब्राजील की तिकड़ी विकासशील देशों की आवाज को बुलंद कर सकती है. पीएम ने कहा कि हम ग्‍लोबल साउथ की आवाज को हमेशा उठाते रहे हैं. हम हर बहुपक्षीय मंच पर इनके मुद्दों को उठाते हैं. ये वे देश हैं, जिनके साथ हम सहानुभूति रखते हैं. चूंकि हम भी विकासशील दुनिया का हिस्सा हैं, हम उनकी आकांक्षाओं को समझते हैं.

हमनें गैर-G20 देशों के हितों को भी आगे बढ़ाया  
पीएम मोदी ने कहा, “जैसे ही हम जी20 के अध्यक्ष बने, हमने ‘ग्लोबल साउथ की आवाज’ पर शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि हम उन लोगों को शामिल करने की आवाज हैं, जो वैश्विक चर्चा और संस्थागत प्राथमिकताओं से बाहर महसूस करते हैं.” पीएम ने कहा कि G20 समिट के अध्यक्ष देश के रूप में भारत ने केवल ग्‍लोबल साउथ से संबंधित सदस्य देशों के हितों का प्रतिनिधित्व नहीं किया बल्कि हमनें G20 में प्रतिनिधित्व नहीं करने वाले राष्ट्र जैसे अफ्रीकी संघ के देशों के हितों को भी आगे बढ़ाया है.

यह  भी पढ़ें:- PM Modi Exclusive Interview: ‘दुनिया को देने के लिए भारत के पास बहुत कुछ है’, Moneycontrol के खास इंटरव्यू में बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीएम ने दुनिया में ‘समान व्यापार नीति’ पर दिया जोर 
पीएम नरेंद्र मोदी ने इंटरव्‍यू के दौरान कहा कि ‘समान व्यापार नीति’ निश्चित तौर पर जी20 समिट के दौरान प्रमुख मुद्दा है क्योंकि इससे लंबी अवधि में पूरी दुनिया को सीधे लाभ होता है. ‘विश्व व्यापार संगठन (WTO) के मूल में बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की आवश्यक भूमिका को स्वीकार किया गया है, साथ ही आवश्यक सुधारों की दिशा में काम करने के लिए भी प्रतिबद्ध किया गया है, जिसमें डब्ल्यूटीओ नियमों को मजबूत करना, विवाद निपटान तंत्र को बहाल करना और नए पारस्परिक रूप से लाभकारी डब्ल्यूटीओ समझौतों को समाप्त करना शामिल है.’

यह भी पढ़ें:- PM Modi Full Interview: भारत का विकास दुनिया के हित में, G20 के लिए हमारा मोटो- ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’: PM मोदी

कर्ज संकट में फंसे देशों पर पीएम ने जताई चिंता
पीएम मोदी ने मजबूत डब्ल्यूटीओ की वकालत करते हुए यह भी कहा, “अंतरराष्‍ट्रीय संबंधों को लोकतांत्रिक बनाने” और ”सरकार-से-सरकार संबंधों को संपर्क का एकमात्र माध्यम न बनाने की जरूरत है. न्यायसंगत व्यापार पर जोर देने के अलावा, भारत ने विकासशील देशों की ऋण कमजोरियों के बारे में भी चिंता जताई है.” पीएम मोदी ने कहा, “हम कर्ज संकट में फंसे देशों के लिए समन्वित ऋण समाधान की सुविधा के लिए बहुपक्षीय समन्वय को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं.”

जी20 में सुधार की गुजाइश
प्रधानमंत्री ने कहा कि अन्य बहुपक्षीय मंचों की तरह जी20 में भी सुधार की गुंजाइश है, लेकिन उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के रूप में भारत के लिए इसके प्रदर्शन का मूल्यांकन करना अनुचित होगा. ‘जल्द ही G20 की स्थापना के 25 साल होने वाले हैं. यह मूल्यांकन करने का एक अच्छा अवसर है कि G20 ने क्या उद्देश्य निर्धारित किए थे और वह उन्हें कितना हासिल करने में सक्षम है. इस तरह का आत्मनिरीक्षण हर संस्थान के लिए एक आवश्यकता है.’

Tags: G20 Summit, Pm narendra modi

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj