Rajasthan

चम्बल नदी के किनारे फोटोग्राफर को भालू की तस्वीर लेने में लग गए 5 साल, देखें भालू की डेस्टिनेशन तस्वीर

शक्ति सिंह/ कोटा. खूबसूरत किनारों, चट्टानों का मनमोहक दृश्य कोटा के गराडिया महादेव पर्यटन स्थल पर ही देखने को मिलता है. अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध यह जगह अपने गंतव्य के लिए प्रसिद्ध है यहां आने वाला हर पर्यटक चंबल के किनारे इन वादियों के बीच अपना फोटो जरूर लेता है. क्योंकि यहां का नजारा ही कुछ ऐसा है. कोटा के वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर जिन्होंने इस जगह पर एक भालू का फोटो लेने में 5 साल का समय गुजार दिया. यहां की खूबसूरत ऊंची चट्टानें, बलखाती बहती चंबल नदी, सुरमई वादियों के आकर्षक प्राकृतिक दृश्य देखकर हर कोई रोमांचित हो जाता है.

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कोटा का एक बडा भाग जंगल से अटा पडा है. पैंथर और भालू तो यहां काफी अधिक पाए जाते हैं, जो कई बार शहर की तरफ भी रुख कर चुके हैं. वहीं वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और फोटोग्राफर आदिल सैफ ने बताया कि वन्य जीव आमतौर पर आसानी से दिखते नहीं है. उन्होंने बताया कि कभी-कभी कुछ क्षण ऐसे भी देखने को मिलते हैं, जब प्रकृति के नजारे और वन्य जीव दोनों साथ में देखने को मिल जाएं. चंबल नदी के दोनों किनारो के जंगल पर भालू हैं. चंबल का प्राकृतिक सौंदर्य और वहां भालू की चहलकदमी की एक फोटो लेने में उन्हें पांच साल लगे. हालाकिं उनके पास कई फोटो हैं, लेकिन कुछ लम्हे खास होते हैं.

भालू दूर से सूंघ लेता है भोजन
उन्होंने बताया कि भालू रात को अधिक देखा जाता है. इसलिए उसको कैमरे में कैद किया जाना थोडा मुश्किल हो जाता है. भालू रात्रिचर जीव होते हैं, जो रात के समय में अधिक निकलते हैं. ये भोजन की तलाश में निकलते है. इनका मुख्य भोजन दीमक, छोटे कीड़े, बेरी, तेन्दु फल और शहद होता है. इनके पास सूंघने की शक्ति अच्छी होती है. यह कई किलोमीटर दूरी से भोजन को सूंघ लेते है.

कोटा में अक्सर दिखाई देता हैं भालू
कोटा शहर में कई बार भालू देखे गए जो भोजन पानी की तलाश में आ जाते हैं. या रास्ता भटक जाते हैं. अधिकतर थर्मल एरिया, नांता, दरा और रावतभाटा, सहित खेतों में अक्सर भालू और वन्यजीव आ जाते हैं. चंबल में वन्य जीव काफी अच्छी संख्या में पाए जाते हैं. कोटा में भालुओं की संख्या काफी अच्छी है. देखा जाए तो प्रदेश में माउंट आबू के बाद में भालूऔं की अच्छी संख्या अगर कहीं पाई जाती है तो वो है कोटा. यहां उनके लिए अच्छा हैबिटाट है और भोजन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है.

Tags: Bear, Chambal River, Rajasthan news

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