चांदी का इस ग्रह से है सीधा संबंध…घर में लाने से आती है सुख-समृद्धि, ज्योतिषी से जानें महत्व

नरेश पारीक/चूरू : अपने गर्वीले इतिहास को समेटे चूरू और चांदी का इतिहास नया नही बल्कि वर्षो पुराना है दीपोत्सव के त्यौहार पर जहां सोने और चांदी की खरीदारी शुभ मानी जाती है तो चूरू में चांदी पर होने वाली नक्काशी वर्ल्ड फैमस है. जहां इन कलाकारों की चांदी पर उकेरी कला को देखने वाले भी इनकी कला के मुरीद हो जाते हैं.
शहर के मुख्य बाजार में स्थित कृष्णा ज्वैलर्स के ऑनर कृष्ण सोनी बताते हैं चूरू और चांदी का इतिहास नया नही वर्षों पुराना है जब यहां शत्रु सेना से लड़ते,लड़ते लड़ाकों के पास गोला बारूद खत्म हो गया तो तत्कालीन शाशक के एक इशारे पर प्रजा ने अपनी सारी चांदी युद्ध के लिए दे दी और उसी चांदी को गलाकर चांदी के गोले बनाएं और गढ़ से शत्रुओं पर तोपों से चांदी के गोले दागे गए उसी चूरू में आज चांदी पर होने वाली कलाकारी की दुनिया दीवानी है. ज्वैलर्स बताते है दीपोत्सव पर चांदी के नारियल, सिक्के, चांदी के नोट, थाली, गिलास और अन्य बर्तनों की जमकर डिमांड है.
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ज्योतिष में है महत्व
ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु दाधीच कहते हैं चांदीशुद्ध और पवित्र धातु है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में चांदी का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है. चांदी के बर्तनों का प्रयोग पूजा-पाठ, शादी-विवाह, लेन-देन जैसे कई अवसरों पर किया जाता है. वास्तु में भी चांदी के बर्तनों को शुभ माना गया है. इसके प्रयोग से घर में सुख-समृद्धि आती है.
शुक्र और चंद्रमा से है चांदी का सीधा महत्व
चांदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है, इसलिए चांदी धातु के प्रयोग से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र ग्रह भी मजबूत होते हैं. घर पर स्टील, पीतल और कांच आदि कई तरह के बर्तन होते हैं. लेकिन घर पर चांदी के बर्तन होना बेहद शुभ माना जाता है. यदि आप खाने-पीने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग नहीं कर सकते तो भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग जरूर करें. पूजा के मंदिर में चांदी का दीपक, कटोरी, घंटी, आमचनी और कलश होना शुभ होता है. इससे घर मे सुख-संपन्नता आती है.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 22:06 IST