छुट्टी पर घर आए भारतीय सेना के जवान के लिए धार्मिक यात्रा बनी अंतिम यात्रा

मोहित शर्मा/करौली. छुट्टी पर घर लौटे भारतीय सेना के एक जवान के लिए गांव से हर वर्ष धूमधाम से निकलने वाली धार्मिक यात्रा जीवन की अंतिम यात्रा बन गई. भारतीय रक्षा मंत्रालय में तैनात जवान को इस बात की खनक तक नहीं थी कि पैदल यात्रा में वह जिस मुख्यध्वज को भक्ति भाव से लेकर आगे ही आगे चल रहें है, उसी मुख्यध्वज में उसकी मौत लिखी होगी.
देश की राजधानी दिल्ली के रक्षा मंत्रालय में बतौर जवान के पद पर तैनात करौली के मंडरायल उपखंड के गांव रानीपुर के निवासी योगेंद्र सिंह दो दिन पहले ही अपने घर पर लंबे समय के बाद छुट्टी पर लौटे थे. जवान योगेंद्र सिंह की शादी भी 2 साल पहले ही हुई थी, वह अपने पीछे एक छह माह की बेटी को छोड़ गए. मौत की खबर सुनकर पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा हादसा जवान के गांव से हर साल की भांति इस साल निकलने वाली मध्यप्रदेश राज्य में स्थित अटार वाले ठाकुर बाबा के लिए निकलने वाली पैदल यात्रा में हुआ. मंडरायल उपखंड के गांव धावली से सोमवार सुबह रवाना हुई पैदल यात्रा में सैकड़ो की तादाद में श्रद्धालुओं ने भाग लिया था और इस यात्रा में शामिल सभी भक्त डीजे की धुन पर नाचते गाते, जयकारा लगाते हुए पैदल-पैदल चल रहे थे.
इस विशाल यात्रा में रक्षा मंत्रालय में तैनात जवान योगेंद्र सिंह यात्रा के मुख्य ध्वज को लेकर आगे ही आगे पैदल चल रहे थे कि अचानक मंडरायल उपखंड के औड मोड़ के पास सड़क किनारे से गुजर रहें जवान योगेंद्र सिंह और उनके साथ मौजूद दो श्रद्धालुओं का ध्वज 11 केवी हाई वोल्टेज लाइन से टच हो गया. इसके बाद ध्वज का डंडा हरे बांस का होने की वजह से अचानक से ऐसा करंट दौड़ा की करंट लगने से जवान सहित अन्य दो लोग घायल हो गए.
जिला अस्पताल में उपचार के दौरान हुई मौत
यात्रा में मौजूद लोगों को पता लगते ही उन्होंने 108 एंबुलेंस की मदद से सीधे मंडरायल के उपखंड अस्पताल में तीनों घायलों को भर्ती कराया. जहां पर जवान योगेंद्र सिंह की हालत गंभीर होने पर उन्हें हाथों हाथ जिला अस्पताल करौली रेफर कर दिया गया. करौली के जिला अस्पताल में पहुंचते ही उपचार के दौरान जवान ने सांस छोड़ दी और उनकी मौत हो गई.
इधर, जवान की मौत की सूचना लगते ही जवान के पैतृक गांव में रानीपुरा सहित मंडरायल उपखंड में गम का माहौल छाने के साथ ही जवान योगेंद्र सिंह की अचानक मौत से उनके परिवार में कोहराम मच गया है.
जवान के साथ-साथ थे समाजसेवी
बता दें कि जवान योगेंद्र सिंह देश की रक्षा करने के साथ-साथ वह एक समाजसेवी भी थे. वे जब भी छुट्टियों पर अपने घर आते थे. तब हमेशा गांव सहित मंडरायल उपखंड और करौली के युवाओं को मोटिवेट भी किया करते थे. जवान योगेंद्र सिंह छात्र राजनीति में भी निपुण माने जाते थे. वह पूर्व में राजकीय महाविद्यालय करौली में छात्रसंघ महासचिव भी रह चुके है.
भारतीय रक्षा मंत्रालय दिल्ली में जवान के पद पर तैनात योगेंद्र सिंह का मंगलबार सुबह 11:00 बजे अंतिम संस्कार के साथ मुखाग्नि दी जाएगी और भारतीय सेना के द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2023, 23:27 IST