Abhimanyu Singh of Jaipur commanded the NDA Parade | राजस्थान के रणबांकुरे: जयपुर के अभिमन्यु सिंह ने कमांड की एनडीए परेड
पत्रिका से विशेष बातचीत करते हुए कैडेट अभिमन्यु सिंह ने बताया कि उनकी शुरू से इच्छा रही थी कि वह भारतीय सेना में जाएं। उनके दादा मूल सिंह राठौंड जी सेना के मेडिकल कोर में थे। ऐसे में मन में बचपन से इच्छा थी लेकिन यह इच्छा प्रबल तब हो गई जब उन्होंने देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलट्री कालेज के आठवीं कक्षा में दाखिला लिया। उसके बाद तैयारी की और 17 साल की उम्र में यहां आ गए। अब एक साल भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में प्रशिक्षण लेंगे और फिर सैन्य अधिकारी के रूप में भारतीय सेना में प्रवेश करेंगे।
कैडेट अभिमन्यु के पिता तेजपाल सिंह ने बताया कि अभिमन्यु शुरू से ही बेहतरीन छात्र रहे। इस एनडीए की प्रवेश परीक्षा को पहली बार में ही अखिल भारतीय स्तर पर दूसरे रैंक के साथ पास किया। तेजपाल सिंह ने बताया कि वह शिक्षा से संबंधी व्यवसाय में शामिल हैं और कैडेट की मां रतन कंवर सरकारी शिक्षिका हैं। घर में शिक्षा का बेहतर वातावरण रहा और दादा जी अभिमन्यु के लिए उत्प्रेरक बने।



नेशनल डिफेन्स अकादमी की 142वीं बटालियन का कांस्य पदक भी राजस्थान के हिस्से आया है। राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल अजमेर में शिक्षा प्राप्त किए कैडेट नितिन शर्मा ने यह पदक अकादमी के कई मानदंडों पर खरा उतरते हुए प्राप्त किया है। शर्मा के पिता सेना में ही सुबेदार मेजर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी दादा सेना में मानद कैप्टन के पद से सेवानिवृत हुई हैं। नितिन शर्मा बताते हैं कि वह खुश हैं सेना में अपने परिवार की परंपरा को वह आगे ले जा रहे हैं। पिता और दादा जी ने यही सीख दी थी कि जो भी काम करो पूरी सिददत से करो और इसी सीख ने हमेशा मेरी मदद की है। रजत पदक कैडेट अरविंद चौहान को मिला है। वह राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल बंगलौर के छात्र रहे हैं।
