जनसंघ के समय राजस्थान के गोवर्धन ने की जेल यात्राएं, अब पीएम मोदी से करेंगे भेंट, देंगे ये गोल्डन कलश

कालू राम जाट/दौसा:- दौसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोड शो में जनसंघी वयोवृद्ध नेता गोवर्धन बढ़ेरा (94) की पार्टी स्तर पर रोड शो के वक्त 20 मिनट के कार्यक्रम में नेहरू पार्क के सामने बढ़ेरा की बर्तन वाली दुकान पर 2 मिनट का समय मिलने के लिए दिया है. सक्रिय राजनीति से दूर रहे 94 वर्षीय नेता बढ़ेरा ने जनसंघ के समय कई बार जेल यात्राएं की. खास बात यह है कि जनसंघ से जुड़े गोवर्धन बढ़ेरा की छवि भाजपा के सच्चे सिपाही और भीष्म पितामह वाली रही है.
बड़े-बड़े नेताओं से मिले गोवर्धन बढ़ेरा
ऐसे में अब मोदी मिलन की भी चर्चा है. भाजपा के शीर्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, विजयाराजे सिंधिया, भैरोसिंह शेखावत, वसुंधरा राजे, गुलाब चंद कटारिया जैसे कई वरिष्ठजनों का जब भी दौसा का दौरा हुआ, तो वे गोवर्धन बढ़ेरा से मिलने जरूर पहुंचे. उम्र के आखिरी पड़ाव पर बढ़ेरा की ख्वाहिश मोदी जी से मिलने की है. अबकी बार 400 पार और तीसरी बार देश की सत्ता की बागडोर मोदी को ही मिले और दौसा की सीट भी मोदी की झोली में डालने की मंशा से उन्हें भेंट करने के लिए स्वर्ण पोलिस वाला मंगल कलश मुरादाबाद में बनवाया है.
भेंट किया जाएगा मंगल कलश
गोवर्धन बढ़ेरा ने लोकल 18 को बताया कि चैत्र नवरात्र में कोई भी कार्य की शुरुआत की कामना व घट स्थापना कलश से होती है. इसी भावना से दौसा का गोल्डन प्लेटेड मंगल कलश भेंट किया जाएगा. 1967 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया दौसा गांधी चौक स्थित संघ कार्यालय में आई थी. तब विजयाराजे ने गाय का दूध पीने की इच्छा जताई, तो बढ़ेरा उनको घर ले गए और गाय का दूध पिलाया. 1991-92 में रथयात्रा के दौरान दौसा के रामकरण जोशी स्कूल ग्राउंड में सभा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी ने दर्शक दीर्घा से गोवर्धन बढ़ेरा को मंच पर बुलवाया था.
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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी गए थे जेल
उनके बेटे सुनील बढ़ेरा Local 18 को बताते हैं कि पिता जी वर्ष 1953 के सत्याग्रह आंदोलन में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ धारा 370 के विरोध में दिल्ली जेल में रहे. 1967 में विजया राजे सिंधिया, 10 मार्च 1977 को अटल बिहारी वाजपेयी दौसा आए और भैरोसिंह, वसुंधरा राजे, गुलाबचंद कटारिया जब दौसा आए, तो पिता से जरूर मिलकर गए. उन्होंने बताया कि 1952 में तिहाड़ जेल, 1964 में केरल मल्लापुरम, 1968 कच्छ गुजरात में जेल और ताशकंद समझौते के विरोध में बाड़मेर में सत्याग्रह भी किया और राम मंदिर आंदोलन में आगरा जेल गए. अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार 13 दिन के लिए पीएम बने थे, तब गोवर्धन बढ़ेरा ने कसम खाकर कहा कि मैं तब तक पांवों में जूती नहीं पहनूगां, जब तक अटल बिहारी वाजपेयी पीएम नहीं बनते. उनके शपथ के बाद ही नंगे पांवों में जूती पहनी.
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FIRST PUBLISHED : April 12, 2024, 17:28 IST