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जब नितिन गडकरी ने कमलनाथ के बारे में खोला राज, बताया पुराना करीबी, बोले- मंत्री रहते दिए थे…

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर बीते कुछ समय से काफी खबरें चल रही थीं. बीते साल के अंत में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार के बाद से बताया जा रहा है कि कमलनाथ नाराज चल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने उनके नेतृत्व में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था. वह प्रदेशाध्यक्ष हुआ करते थे. लेकिन, हार के बाद उनको प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह जीतू पटवारी प्रदेश की कमान संभाल रहे हैं.

इसके बाद से खबरें आने लगी कि कमलनाथ कांग्रेस हाईकमान से नाराज है. उनके भाजपा में शामिल होने की संभावना जताई जाने लगी. उन्होंने ऐसे कुछ संकेत भी दिए कि वह भाजपा में आ सकते हैं. कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेता रहे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भाजपा का दामन थामा है. जिस तरह पूरे देश में भाजपा के पक्ष में लहर होने की बात कही जा रही है उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि कमलनाथ अगर भाजपा का दामन थाम भी लेते हैं तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.

कमलनाथ के सभी के साथ रिश्ते अच्छे
दरअसल, आज हम कमलनाथ के भाजपा में शामिल होने या नहीं होने को लेकर बात नहीं कर रहे हैं. आज एक पुरानी घटना का जिक्र करते हैं, जिससे लगता है कि वह काफी पहले से भाजपा नेताओं के करीबी रहे हैं. वैसे भी कमलनाथ एक बड़े नेता होने के साथ बड़े कारोबारी हैं. उनके सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं.

बात 2004 से 2014 तक केंद्र में यूपीए सरकार के दौर की है. कमलनाथ उस वक्त केंद्र में एक कद्दावर मंत्री हुआ करते थे. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पहले कार्यकाल 2004 से 2009 तक वह केंद्र में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री रहे. फिर 2009 से 2014 के यूपीए-2 में उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय जैसे अहम विभागों को संभाला.

भाजपा के मिला तोहफा
जब कमलनाथ केंद्र में शहरी विकास मंत्री थे तभी उन्होंने भाजपा को बड़ा तोहफा दिया था. उस वक्त भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौजूदा केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी थे. गडकरी और कमलनाथ के रिश्ते हमेशा के अच्छे बताए जाते हैं. फिर गडकरी ने कमलनाथ से भाजपा के लिए राजधानी में एक दफ्तर बनाने के लिए प्लॉट आवंटित करने की मांग की थी. उस वक्त केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों को राजधानी में दफ्तर बनाने के लिए प्लॉट आवंटित कर रही थी. राजनीतिक तौर पर दोनों एक दूसरे के विरोधी होने के बावजूद कमलनाथ ने बिना किसी हिचक के भाजपा के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर एक बड़ा प्लॉट आवंटित कर दिया. इस बात का खुलासा खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक हालिया इंटरव्यू में किया है. यहीं पर भाजपा का भव्य मुख्यालय है. हालांकि गडकरी ने इस इंटरव्यू में कमलनाथ के भाजपा में आने की संभावना या अटकलों पर कुछ भी नहीं बोला.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा का मुख्यालय बनने से पहले पार्टी का कामकाज अशोक रोड स्थित दफ्तर से चलता था. वर्ष 2006 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने राजधानी में राजनीतिक दलों को मुख्यालय के लिए जमीन आवंटित करने की नीति बनाई थी. इसके अनुसार उस वक्त कांग्रेस के दफ्तर के लिए चार एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई गई थी. फिर भाजपा के अनुरोध पर कमलनाथ ने बिना देरी किए जमीन उपलब्ध करवा दी थी. इसी जमीन पर आज भाजपा का भव्य दफ्तर है.

Tags: Kamalnath, Nitin gadkari

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