जलियांवाला बाग में हुए बदलाव पर राहुल गांधी को आपत्ति, कहा- ‘इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हूं’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) स्मारक में हुए बदलाव पर राहुल गांधी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मैं शहीद का बेटा हूं और शहीदों का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा। मैं इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हूं।
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) स्मारक में हुए बदलाव को शहीदों का अपमान बताया है। इस विषय पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जलियांवाला बाग के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता हो। राहुल गांधी ने कहा कि मैं एक शहीद का बेटा हूं और शहीदों का अपमान किसी कीमत पर सहन नहीं करूंगा। हम इस अभद्र क्रूरता के खिलाफ हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने हाल ही में जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) के पुनर्निर्मित परिसर का उद्घाटन किया था, जिसको लेकर पीएम मोदी की खूब आलोचना हो रही थी। हाल ही में इतिहासकार इरफान हबीब ने कहा कि यह स्मारकों का निगमीकरण है। आधुनिक संरचनाओं के नाम पर यह अपना असली मूल्य खो रहे हैं।
जलियाँवाला बाग़ के शहीदों का ऐसा अपमान वही कर सकता है जो शहादत का मतलब नहीं जानता।
मैं एक शहीद का बेटा हूँ- शहीदों का अपमान किसी क़ीमत पर सहन नहीं करूँगा।
हम इस अभद्र क्रूरता के ख़िलाफ़ हैं। pic.twitter.com/3tWgsqc7Lx
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2021
इस विषय पर हो रही खूब आलोचना
वाम दल के नेता सीताराम येचुरी ने भी जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) के नवीनीकरण की अलोचना की। उन्होंने कहा कि यह हमारे शहीदों का अपमान है। बैसाखी के लिए इकट्ठा हुए हिंदू, मुस्लिम, सिखों के जलियांवाला बाग हत्याकांड ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को गति दी, जो लोग स्वतंत्रता संग्राम से दूर रहे वही ऐसा काम कर सकते हैं। कांग्रेस नेता हसीबा ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड में जश्न जैसी क्या चीज है, जहां लाइट और साउंड की जरूरत हो।
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गौरतलब है कि पीएम ने जलियांवाला बाग (jallianwala bagh) स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया था। परिसर में लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं बनाई गई हैं। इसके साथ ही 13 अप्रैल 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है।