Airlines rate increases : Fair Price Rise 40 percent | Airlines rate increases : अब हवाई यात्रा भी हुई महंगी

कोरोना से अभी उबर नहीं पाए थे कि पूरी दुनिया में अब युद्ध का साया मंडरा रहा है। नतीजा है महंगाई। कमोडिटीज में महंगाई का मार का असर अब हर सेक्टर पर दिखाई दे रहा है। हवाई यात्री भी अब इससे अछूती नहीं रही है।
जयपुर
Published: March 04, 2022 03:41:57 pm
जयपुर। कोविड की मार के बाद अब यूक्रेन – रूस युद्ध के सामने लाचार। कमोडिटीज में महंगाई का मार का असर हर सेक्टर पर दिखाई दे रहा है। हवाई यात्री भी अब इससे अछूती नहीं रही। देश में अब हवाई यात्रा भी महंगी हो गई है। दिल्ली मुंबई के बीच 2500 रुपये में मिलने वाला एयर इंडिया का टिकट अब 4000 में रुपये मिल रहा है। यही टिकट इंडिगो से सफर करने पर 6000 रुपये का है। टिकट महंगा होने के दो कारण बताए जा रहे हैं। पहलला कारण है एटीएफ 26 फीसदी महंगा हो गया है। दूसरा कारण है सीटों की 80 से 90% तक की बिक्री।

डायनेमिक फेयर प्राइसिंग लागू साल 2022 की शुरुआत से ही हर 15 दिन में एविएशन टरबाईन फ़्यूल (एटीएफ़) बढ़ रहा है। अब पांचवीं बार 3.30 फीसदी बढ़ने के बाद इस साल एटीएफ (ATF) 26% तक बढ़ चुका है।एक टॉप एयर लाइंस ने नाम न लेने की शर्त पर पत्रिका टीवी को बताया कि कोरोना संकट ख़त्म होने के बाद अब यात्री हवाई यात्रा में भरपूर उत्साह दिखा रहे हैं। ऐसे में एयर लाइंस फ़ेयर का डायनमिक तरीक़ा इस्तेमाल कर रही है। यानी सीटें तेजी से बिक रही हैं। इसलिए किराए बढ़ा दिए गए हैं। किराए के बढ़ने में फ्यूल का दाम बढ़ना छोटा फैक्टर है और सीटों का तेजी से भरना ज्यादा बड़ा फ़ैक्टर है। एयर लाइंस का कहना है कि हम दाम बढ़ा दें और विमान खाली जाए तो उससे भी कोई फायदा नहीं है इसलिए यात्रियों के उत्साह को देखते हुए ही प्राइजिंग की जाती है।
बढ़ता जाता है 10 प्रतिशत टिकटों का दाम
हालांकि हवाई यात्रा के टिकट तो एक साल पहले से ख़रीदे जा सकते हैं लेकिन एयर लाइंस ये देखती है कि हवाई यात्रा से एक महीने पहले कम से कम 30% टिकट ज़रूर बिक जाएं। अगर ऐसा नहीं होता तो टिकट के दाम घटा दिए जाते हैं या फिर कुछ ऑफर के साथ टिकट बिक्री की जाती है। लेकिन अगर यात्रा से एक महीने पहले तीस प्रतिशत तक टिकट बिक्री हो चुकी होती है और सीटों के 80% तक भरने की उम्मीद होती है तो टिकटों के दाम बढ़ा दिए जाते हैं। मोटे तौर पर इसे ही डायनमिक फ़ेयर सिस्टम कहते हैं जिसमें हर दस प्रतिशत टिकट बिक्री के साथ अगले दस प्रतिशत टिकटों का दाम बढ़ता जाता है।
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