जल जीवन मिशन: ठेकेदार ने डाला सरकारी पानी पर डाका, खुद के खेत के लिए पाइप लाइन डालकर वहां बहा दी गंगा…
हाइलाइट्स
जल जीवन मिशन परियोजना में घोटाला
जयपुर के फागी इलाके में सामने आया केस
जयपुर. जल जीवन मिशन योजना में भ्रष्टाचार थमता नजर नहीं आ रहा है. जयपुर जिले के फागी में जल जीवन मिशन योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. फागी के मंडोर में जल जीवन मिशन योजना के तहत ग्रामीणों को दस दस दिन में एक बार पेयजल के दर्शन कराए जाते हैं जबकि अधिकारियों की ओर से सरकार की बीसलपुर योजना का पानी ठेकेदार के खेतों के साथ साथ उसकी फैक्ट्री के लिए निर्बाध रूप से 24 घंटे सप्लाई किया जा रहा था. मामला सामने आने के बाद जलदाय विभाग चेता और वहां जेसीबी से पाइप लाइन उखाड़ दी.
जल जीवन मिशन योजना में हर घर नल से जल उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जा रहा है. लेकिन जयपुर जिले के फागी के मंडोर गांव में जल जीवन मिशन योजना में जलदाय विभाग के अधिकारियों ने फर्जीवाड़े के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए.
यहां सरकार ने ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करीब 62 करोड़ रुपये परियोजना में खर्च किए. अधिकारियों और ठेकेदार ने मिलीभगत कर मंडोर गांव में जल जीवन मिशन योजना का कार्य पूरा कर भुगतान उठा लिया. लेकिन सैंकड़ों किलोमीटर दूरी से लाया गया बीसलपुर का पानी जनता को कम और ठेकेदार को ज्यादा उपलब्ध कराया गया.
मंडोर गांव में पेयजल योजना का कार्य मंडोर के ही ठेकेदार कैलाश चौधरी की कंपनी के पास है. ठेकेदार कैलाश चौधरी और जलदाय विभाग के अधिकारियों ने फर्जीवाड़ा कर बीसलपुर बांध के पानी का उपयोग खेतों में सिंचाई के लिए किया जा रहा था. पेयजल स्कीम की टंकी से ठेकेदार कैलाश चौधरी के घर और खेतों तक चार इंच मोटी पाइप लाइन से चौबीसों घंटे पानी की सप्लाई हो रहा था. पानी की टंकी कांट्रेक्टर के घर और खेतों की दूरी करीब 2 किलोमीटर पूरी है.
ठेकेदार मंडोर गांव का सरपंच पति है
मंडोर के लोगों का आरोप है की ठेकेदार खुद ही मंडोर गांव की सरपंच का पति है. वह ब्लॉक कांग्रेस के महासचिव पद पर भी है. ऐसे में अपनी पार्टी को वोट देने वालों को जल जीवन मिशन योजना में कनेक्शन दिए गए, जबकि विपक्षी पार्टी को वोट देने वालों को ठेकेदार ने पेयजल योजना से वंचित किया है. ठेकेदार और इंजीनियरों ने जनता से जल जीवन मिशन योजना में कनेक्शन के नाम पर पूरी राशि वसूल ली.
ये हैं ठेकेदार और अधिकारी के तर्क
इस बारे में ठेकेदार कैलाश चौधरी का कहना है कि आरोप गलत है. पानी की पाइप लाइन मैंने अपने खेतों पर नवनिर्माणाधीन मकान और परिवार के लिए लगाई है. ये मैंने अपने खर्चे से लगवाया है. दूसरी तरफ जलदाय विभाग के सहायक अभियंता नीतेश मीणा का कहना है कि सरकारी टंकी से बीसलपुर पेयजल योजना का पानी कैलाश चौधरी द्वारा ले जा रहा था. ये पूरी तरह से नियम विरुद्ध है. इसकी जानकारी सामने आने पर पाइप लाइन उखाड़ दी गई है. मामले की जांच की जा रही है. दोषियों के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : January 1, 2024, 19:04 IST