जुलाई में थोक महंगाई दर तीन महीने के उच्चतम स्तर पर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जुलाई के लिए भारत की थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति जून में माइनस 4.12 फीसदी से बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर माइनस 1.36 फीसदी पर पहुंच गई है। इसका मुख्य कारण सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी है।
हालांकि खनिज तेल, बुनियादी उत्पाद, धातु, रसायन और रासायनिक उत्पाद, कपड़ा और खाद्य उत्पाद की कीमतों में गिरावट देखी गई।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई में लगातार चौथे महीने डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति डिफ्लेशनरी क्षेत्र में बनी हुई है।
जून में जहां यह माइनस 4.12 फीसदी थी, वहीं मई में यह माइनस 3.48 फीसदी पर थी।
मार्च में, प्राथमिक वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों, ईंधन और बिजली के साथ-साथ भोजन सामग्री के सूचकांक में भारी गिरावट के कारण डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गई थी।
अक्टूबर 2015 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति अपने न्यूनतम स्तर माइनस 4.76 प्रतिशत पर आ गई थी।
(आईएएनएस)
अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|