Rajasthan

जेल से लौटने के बाद हथकड़ी समर्पित, अनोखा है राजस्थान का ये मंदिर, जहां चोरों का था बसेरा

रवि पायक / भीलवाड़ाः- चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है. ऐसे में भक्तमाता रानी की उपासना करते हुए माता रानी को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के जतन करते हैं. आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी ख्याति राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे देश में फैली हुई है. भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ के मध्य सीमा पर स्थित जोगणिया माता मंदिर अपने आप में बेहद खास है. यहां के चमत्कार लोगों को अपनी आस्था के साथ खींच कर ले आते हैं. यहां की खास बात यह है कि अगर आप नजर घुमाकर देखेंगे, तो आपको यहां पर कई हथकड़ियां लटकी हुई दिखाई देंगी. यही नहीं, यहां पर हथकड़ी भेंट करने के बाद कोई दोबारा अपराध नहीं करने का संकल्प भी लेता है.

जोगणिया माता हाड़ाओं की कुलदेवी
श्री जोगणिया माता शक्ति पीठ प्रबन्ध एवं विकास संस्था बेगू चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने कहा कि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले की सीमा में स्थित जोगणिया माता मंदिर अनादि काल से है. यहां पर माता लक्ष्मी, सरस्वती और मां दुर्गा के रूप में विराजमान हैं. लोक कथाओं के अनुसार बम्बावदा के समीपस्थ ही जोगणिया माता हाड़ाओं की आराध्या (कुलदेवी) थी. राव देवा की पुत्री के विवाहोत्सव पर राव देवा ने जगदम्बा जोगणिया को सादर आमंत्रित कर प्रार्थना की कि मां उसका निमंत्रण स्वीकार कर उसे धन्य करें. माता रानी ने यहां जोगण के रूप में दर्शन दिए थे. तब से ही मां का नाम जोगणिया माता के रूप में प्रसिद्ध हो गया.

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यहां पर चढ़ाई जाती है हथकड़ियां
नवरात्रि के समय लाखों की तादाद में राजस्थान सहित देशभर से लोग यहां पर माता रानी के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. नवरात्रि के दौरान अष्टमी और शनिवार रविवार के दिन मंदिर में विशेष तौर पर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां पर जो भी भक्त माता के चरणों में अरदास लगता है, उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है. जोगणियां माता मंदिर बरसों पहले घने जंगल से घिरा हुआ था. उस समय यह चोर और डाकुओं का आश्रय स्थल रहा है.

चोरों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था थी. यही वजह बताई जाती है कि जब वे पकड़े जाते और उन्हें जेल हो जाती थी, तो वे वहां से आने के बाद यहां हथकड़ी चढ़ाते थे. अपनी मुराद पूरी होने के कारण हाथों में लगी हथकड़ियां खोलकर जोगणिया माताजी के मंदिर में चढ़ा देते. मंदिर के पुजारी के अनुसार इस प्राचीन प्रमुख शक्तिपीठ जोगणिया माता मंदिर परिसर में चारों ओर देवियों की प्रतिमा की स्थापना की गई है. इनमें 64 जोगणिया देवियों के स्वरूप के रूप में प्रतिमा स्थापित की गई है.

Tags: Bhilwara news, Local18, Navratri, Rajasthan news

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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