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जो नहीं थे शिक्षक, उनके लिए जारी कर दिया 1 करोड़ का वेतन, बिहार के शिक्षा विभाग का अनोखा कारनामा!

जमुई जिले के शिक्षा विभाग के रिटायर कार्यक्रम पदाधिकारी शिवकुमार शर्मा के खिलाफ नगर थाना में वित्तीय अनियमितता के मामले में केस दर्ज हुआ है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के आवेदन पर पुलिस ने नगर थाना में प्राथमिक दर्ज की है. 12 शिक्षकों की वेतन भुगतान में गड़बड़ी एवं गबन के मामले में जांच के बाद एक करोड़ 5 लाख 98 हजार 832 रुपए के अनियमितता में शिक्षा विभाग के रिटायर डीपीओ शिवकुमार शर्मा को दोषी पाया गया.

वेतन घोटाले से जुड़ा मामला सामने आने के बाद जिले के पांच अधिकारियों की टीम डीपीओ शिवकुमार शर्मा द्वारा किए गए वित्तीय अनियमितता की जांच की थी. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि एक करोड़ से अधिक राशि की गड़बड़ी, शिक्षकों के वेतन भुगतान के रूप में की गई है. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद बीते 31 जनवरी को रिटायर हुए शिक्षा विभाग के अधिकारी शिवकुमार शर्मा के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, वहीं शिक्षा विभाग के निदेशक के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी से शो कॉज भी लिया गया है.

12 शिक्षकों के भुगतान में गड़बड़ी
शिक्षकों के वेतन भुगतान में की गई वित्तीय अनियिमितता के मामले में जो पत्र जिले के डीएम राकेश कुमार ने अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के अधिकारी के के पाठक को पत्र लिखा है उसमें इस बात का जिक्र हुआ है कि 12 शिक्षकों के वेतन भुगतान में गड़बड़ी और गबन के मामले में एक करोड़ से अधिक राशि की बंदरबांट हुई है. इसमें यह भी बताया गया है कि जिले के अधिकारियों के द्वारा जांच की गई, रिपोर्ट में कार्यपालक दंडाधिकारी मनोज सिंह कुमार सिंह की रिपोर्ट है, उसमें वित्तीय अनियतमितता की बात सामने आई है.

जिन्हें दिया गया वेतन, वो उस विद्यालय में नहीं थे शिक्षक
अलग-अलग विभागों के पांच अधिकारियों के द्वारा गठित जांच दल द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रतिवेदन में स्पष्ट किया गया है कि जमुई जिले में कुल ऐसे 12 शिक्षकों का जो उक्त विद्यालय में शिक्षक नहीं थे, उनके खाते में एक करोड़ से भी अधिक राशि का भुगतान कराया गया है, जो गंभीर वित्तीय अनियमितता है, जहां तक अगर बात करें तो जो जांच दल बना था, उसमें तत्कालीन डीडीसी शशि शेखर चौधरी, भू अर्जन पदाधिकारी दुष्यंत कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, वर्तमान में एसडीओ जमुई अभय कुमार की तिवारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिल देव तिवारी शामिल थे. बताते चले की जिन शिक्षकों का अवैध रूप से वेतन भुगतान किया गया है, उसमें अधिकांश जमुई जिले के सोनो और चकाई प्रखंड के इलाके के शिक्षक हैं, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस मामले में एसपी शौर्य सुमन ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के लिखित आवेदन के बाद केस दर्ज कर लिया गया है, शिक्षा विभाग के अधिकारी जिन पर आरोप लगा है, उसको लेकर अनुसंधान शुरू कर दी गई है जो भी लोग दोषी होंगे उन पर न्याय संगत कार्रवाई होगी.

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