‘जो राम को लाए हैं’ ने मचाई थी UP चुनाव में धूम, जानें कैसे आया सिंगर कन्हैया को गाना लिखने का आइडिया

श्रीगंगानगर. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022 Result) में एक बार फिर बीजेपी (BJP) की जीत हुई. जनता ने सत्ता की चाबी योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के हाथ में सौंप दी है. इलेक्शन के दौरान ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे, (Jo Ram Ko Laye Hai Hum Unko Layenge) दुनिया में फिर से हम भगवा लहराएंगे’ यह गाना जमकर वायरल हो गया. यह गाना यूपी चुनाव (UP Chunav 2022) में भाजपा के चुनाव प्रचार की पंच लाइन बनी गई. बीजेपी कार्यकर्ता इस गाने में खूब जूमकर नाचे. बीजपी ने सोशल मीडिया से लेकर गली-नुक्कड़ तक इन लाइनों के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की. लेकिन क्या आप जानते हैं इस गाने को लिखा किसने हैं? दरअसल, यह गाना राजस्थान (Rajasthan News) के श्रीगंगानगर (Shri Ganganagar ) के रहने वाले कन्हैया मित्तल (Kanhiya Lal Mittal Chandigarh Haryana) ने लिखा और उन्होंने उसे खुद गाया है. बताया जाता है कि इस गाने को सिंगर कन्हैया मित्तल ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में लिखा था. उनका कहना है कि रायपुर में श्री राम का एक मंदिर है. दर्शन करने के बाद जैसे निकला तो भगवान राम पर चर्चा कर रहे थे. इसी दौरान मुझे भजन लिखने का सोचा.
विधानसभा चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद भजन गायक कन्हैया मित्तल खासी चर्चाओं में हैं और अब उनकी पहचान एक भजन गायक के साथ-साथ राम भक्त के रूप में भी खासतौर से होने लगी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भजन गायक कन्हैया मित्तल से काफी प्रभावित हुए और उनसे मुलाकात भी की. हाल ही में राजस्थान के सालासर बालाजी को जाने वाले मार्ग पर स्थित राम दरबार सहित एक द्वार को गिराए जाने पर भजन गायक कन्हैया मित्तल ने अफसोस जताया और मामले को लेकर उन्होंने बालाजी के श्रंद्धालुओ के लिए पीड़ा दायक बताया.
कम उम्र से भजन गा रहे हैं कन्हैया मित्तल
दरअसल, भजन गायक कन्हैया मित्तल का जन्म श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय की पुरानी आबादी स्थित घर में हुआ था. लेकिन कन्हैया मित्तल के पिता सत्यनारायण मित्तल को व्यापारिक कारणों के श्रीगंगानगर से घर बार बेचकर चंडीगढ़ जाना पड़ा. कन्हैया मित्तल के मामा सुरेंद्र चौधरी बताते हैं कि कन्हैया मित्तल का बचपन काफी कठिनाइयों से गुजरा. संभवत इन्हीं कठिनाइयों ने और पारिवारिक संस्कारों ने कन्हैया मित्तल को राम भक्त बनाने में बड़ी भूमिका निभाई. श्रीगंगानगर में रह रहें कन्हैया मित्तल के बड़े भाई विकास अग्रवाल का कहना है कि भजन गायन में उनकी शुरू से ही दिलचस्पी रही है. साथ ही जब भी वे श्रीगंगानगर आते हैं तो घर पर रहने के साथ-साथ उनकी दुकानदारी में भी हाथ बटाते हैं.
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हालांकि परिजनों का कहना है कि उनका शुरू से ही किसी राजनीतिक दल के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं रही है, लेकिन ईश्वर और हिंदुत्व के प्रति वे हमेशा समर्पित रहे और अक्सर देश प्रदेश में होने वाले धार्मिक आयोजनों में वे अपने भजन गायन की प्रस्तुति देते हैं. साथ ही उनके द्वारा गाया गया गीत के पॉपुलर और वायरल हो जाने के बाद वे भी काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं. आने वाले दिनों में उन्हें एक अच्छे मुकाम पर देखने की उम्मीद भी कर रहे हैं.
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