Rajasthan

ताइवानी पपीता की नस्ल से किसान हो रहे हैं मालामाल , कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही ने किया इसे विकसित

धीरज सांखला/ सिरोही: कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही द्वारा की गई एक पहल, जो कि जिले के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है. सिरोही जिले के किसानों के लिए यहां के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एक अनुठी पहल चली गई है, जिससे कि किसानों की आय में वृद्धि हो सके और किसान अपना जीवन यापन बेहतर ढंग से कर सकें.

सिरोही जिले की कृषि विज्ञान केन्द्र में राजस्थान सरकार के सहयोग से बनाई गई मॉडल नर्सरी में किसानों के हित के लिए यह कार्य किया जा रहा है. कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आर एस चौधरी द्वारा बताया गया कि कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के द्वारा शोध कर कर पपीते की ‘रेड लेडी 786 ताइवानी’ नामक पपीते की एक नस्ल तैयार की गई है, जिले के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.

डॉ.आर एस चौधरी के अनुसार इस केंद्र द्वारा हर वर्ष रेड लेडी 786 पपीते की पौध तैयार की जाती है तथा यह पौध किसानों में वितरित की जाती है जिसे किसान अपने खेत, गार्डन, बागान में लगाकर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इस नस्ल के लगभग 1 लाख पौध हर वर्ष तैयार किए जाते हैं तथा किसानों को उपलब्ध कराए जाते हैं. विश्वविद्यालय द्वारा प्रति पौध ₹ 20 की दर निश्चित की गई है.

रेड लेडी 786 ताइवानी पपीता नस्ल की खासियत
पपीते की यह किस्म सिरोही जिले के किसानों के आय वृद्धि में एक बेहद ही अच्छी साबित हो रही है. कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताया गया कि यह किस्म IFS MODEL (integrated farming system) पर कार्य करती है. एकीकृत कृषि प्रणाली या संबंधित कृषि प्रणाली वह कृषि प्रणाली है जिसमें की मुख्य उदेश्य खेती की जमीन के हर हिस्से का सही तरीके से इस्तेमाल करना है. इसके तहत आप एक ही साथ अलग-अलग फसल, फूल, सब्जी, मवेशी पालन, फल उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन इत्यादि कर सकते हैं. इससे आप अपने संसाधनों का पूरा इस्तेमाल कर पाएंगे. इस किस्म के पपीते का पौधा अपने पूरे जीवन काल में एक से डेढ़ क्विंटल तक की उपज देता है. इसमें फल गोलाकार आकार का बीज रहित होता है. इसमें हर फल का वजन 1.5 से 2 किलो के बीच रहता है. इस किस्म का पौधा जब इस पर पूर्णतया फल लग जाते हैं उसके बाद यह बेहद सुंदर दिखाई देता है जिससे कि हर किसान अपने खेत अथवा बगीचे में इस पौधे को लगाने की चाह रखता है.

केवल सिरोही जिला ही नहीं इसके आसपास के जिले से भी कृषक अपने खेत तथा बगीचे के लिए यह पौध लेने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र सिरोही आ रहे हैं एवं कृषि विज्ञान केंद्र कि इस पहल की सराहना हर किसान द्वारा की जा रही है. क्योंकि इस पहल से किसानों के मुनाफे में काफी वृद्धि हुई है और केंद्र के अध्यक्ष डॉ. आर एस चौधरी का यह कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र इसी कड़ी में किसानों के मुनाफे में वृद्धि करने के लिए और भी पहल कर रही है.

Tags: Hindi news, Local18, Sirohi news

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