त्रिपुरा सुंदरी मंदिर, बेहद अलौकिक और मनमोहक है माता का यह दरबार, नवरात्रि पर जानें 9 खासियतें
आकाश सेठिया.
बांसवाड़ा. हिंदू नव वर्ष चैत्र माह की शुरुआत आज नवरात्रि के साथ हुई. इस खास मौके पर राजस्थान के वागड़ के प्रसिद्ध देवी तीर्थ त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में आज सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया. उसके ठीक बाद 7 बजे मंदिर में मंगला आरती हुई. मंदिर में कर्णप्रिय भजनों की प्रस्तुति दी गई. अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.04 बजे घट स्थापना की गई. इस बार माता अश्वारूढ़ होकर आईं हैं. यह मंदिर अपने आप बेहद अनूठा और मनमोहक है.
मंदिर के पंडित गणेश ने आज माताजी का लाल वर्ण का शृंगार किया. भजन गायक कपिल त्रिवेदी, मोहित त्रिवेदी, प्रभव पंड्या, मोहित व्यास, और हिमेश त्रिवेदी ने आरती से पहले भजनों की प्रस्तुति दी. नवरात्रि के दौरान मंदिर में 9 दिन अनुष्ठान चलेंगे. आचार्य निकुंज मोहन पंड्या ने बताया है कि आज मंगलवार है. इसलिए माता इस दिन अश्व पर सवार होती हैं. माता का जिस वाहन पर पृथ्वी पर आगमन होता है उसके अलग अलग प्रभाव पड़ते हैं. इस बार वाहन घोड़ा है तो पड़ोसी देशों से युद्ध या तनाव की स्थिति हो सकती हैं. मां जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो उस साल बारिश का अच्छा योग बनता है.
मंदिर पुजारी के अनुसार ये नौ खासियतें हैं श्री त्रिपुरा सुंदरी माताजी मंदिर की.
01. माता भोग और मोक्ष को देने वाली हैं
02. दुख और दरिद्र का निवारण करने वाली हैं
03. रोग का निवारण करने वाली हैं
04. ऐश्वर्या देने वाली हैं
05. संतान सुख देने वाली हैं
06. राजेशय सुख देने वाली हैं
07. योग शेम को बढ़ाने वाली हैं
08. न्यायालय में अभियोग को विजय देनी वाली हैं
09. सभी मनोकामना को पूण करने वाली हैं.
देशभर में मंदिर की अलग पहचान है
त्रिपुरा सुंदरी माताजी के प्रति राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की खास श्रद्धा हैं. वे अपने किसी भी काम को शुरू करने से पहले मां त्रिपुरा सुंदरी का आशीर्वाद लेने जरुर आती हैं. इस मंदिर की प्रसिद्धी केवल राजस्थान तक ही सीमित नहीं है. बल्कि देशभर में मंदिर की अलग पहचान है. यहां राजस्थान के अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 9, 2024, 17:14 IST